लखनऊ। कोरोना की वैक्सीन आने की चर्चाओं के बीच चिकित्सा विज्ञानी उपलब्ध दवाओं से ही वायरस की काट तलाशने में जुटे हैं। ऐसे में शुगर की वर्षों पुरानी दवा मेटफॉर्मिन भी उम्मीद बनकर उभरी है। चीन और अमेरिका में डायबिटिक कोविड मरीजों को दी गई डोज में बेहतर परिणाम मिले हैं। लिहाजा यहां भी भर्ती मरीजों को दवा देकर असर का आकलन किया जाएगा।
केजीएमयू के क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट और मेरठ मेडिकल कॉलेज के ओएसडी डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक, डायबिटीज के रोगियों में कोरोना वायरस अधिक जानलेवा बन रहा है। लिहाजा, मरीज की हालत पर काबू पाने के लिए ब्लड शुगर का कंट्रोल करना आवश्यक होता है। आमतौर पर कोविड-डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन पर ले लिया जाता है।
लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने कहा कि शोध का अध्ययन कर दवा को प्रोटोकॉल में शामिल किया जाएगा। इसके बाद भर्ती डायबिटीज-कोविड मरीजों को दवा देकर असर का आकलन भी किया जाएगा।