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विकास दुबे ढेर, लेकिन उसके काले बैग में छुपे हो सकते हैं मददगारों के राज

लखनऊ। कानपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे का शुक्रवार सुबह पुलिस की गिफ्त से भागने की फिराक में एनकाउंटर हो गया. इससे पहले उसने पुलिस को काफी गच्चा दिया और यहां से वहां भागने की प्लानिंग कैसे कामयाब होती चली गई और कैसे वो कानपुर से फरीदाबाद और फरीदाबाद से उज्जैन तक यूपी पुलिस को गच्चा देता चला गया, इसकी इनसाइड स्टोरी विकास दुबे के पास मिले सामान में छुपी हुई है. विकास दुबे पिछले 7 दिनों में एक बैग अपने साथ लेकर घूमता रहा.

सूत्रों की मानें तो इस बैग में कुछ कपड़े, मोबाइल फोन और उसका चार्जर समेत कुछ कागज़ात भी मिले हैं. इसी मोबाइल फोन से विकास लगातार लोगों से संपर्क करता था और बात करने के बाद उसे स्विच ऑफ भी कर लेता था. इसी फोन से उसने वकीलों और अपने चाहनेवालों और संपर्कों से बात भी की है. इसके साथ ही विकास दुबे के पास से फर्जी आईकार्ड भी मिला था.

जिस तरह से विकास दुबे ने बड़े ही शातिर तरीके से लोकेशन बदली थी, इससे शक होता है कि उसकी लुकाछिपी में बहुत सारे ऐसे लोग थे जो उसकी मदद कर रहे थे. चौबेपुर कांड में पुलिस की मिलीभगत के सबूत पहले ही मिल चुके हैं. इलाके के थानेदार विनय तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. तिवारी के अलावा दरोगा केके शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है.

विनय तिवारी पर गैंगस्टर विकास दुबे का बचाव करने का आरोप है, जबकि पुलिस जांच में सामने आया था कि विकास दुबे ने के के शर्मा को फोन कर धमकाया था और पुलिस टीम को गांव में आने से रोकने को कहा था. अब पुलिस चौबेपुर के प्रभारी विनय तिवारी को समेत 7 लोगों की रिमांड मांग रही है. विनय तिवारी से इस पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है.

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