लखनऊ। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने पिछले दिनों भगवान राम और अयोध्या को लेकर टिप्पणी की थी। कई लोगों ने उनकी टिप्पणी को हास्यास्पद बताकर उसका मजाक उड़ाया था तो कुछ ने इस पर गहरा रोष जताया।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया। इसमें एक नेपाली युवक का सिर मुॅंड़वाकर उसकी खोपड़ी पर जय श्री राम लिखवाते देखा गया।
घटना बनारस की है। वीडियो वायरल होने के बाद वाराणसी की भेलूपुर पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए मुकदमा दायर किया। जाँच से पता चला कि इस हरकत को अंजाम देने वाले शख्स का नाम अरुण पाठक है।
मीडिया खबरों में पाठक को विश्व हिंदू सेना से जुड़ा बताया गया है। साथ ही ये भी जानकारी दी गई कि उसने इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए अपने फेसबुक पोस्ट पर जय-जय श्रीराम लिखा था।
हमने भी अरुण पाठक की फेसबुक प्रोफाइल खँगाली। लेकिन यहाँ से हमें कुछ और भी मालूम चला। अरुण की प्रोफाइल खोलते ही उसके शिवसेना से जुड़े होने के प्रमाण मिले।
उसने अपने फेसबुक प्रोफाइल के बॉयो में लिखा है, “बाला साहेब का शिष्य एवं एक सनातन।” इसके अलावा अन्य जानकारियों में भी इस बात का उल्लेख है कि वो साल 2000 से 2003 तक शिवसेना का जिलाध्यक्ष रह चुका है। उसकी फेसबुक पर अपलोड तस्वीर देखने पर भी मालूम चलता है कि शिवसेना के बड़े नेताओं के साथ भी उसका उठना-बैठना रहा है। उसकी टाइमलाइन पर कई पोस्टर भी हैं। इनमें बाला साहेब की तस्वीर साफ देखी जा सकती है।
यहाँ बता दें शिवसैनिक अरुण पाठक ने पीएम ओली की टिप्पणी के बाद उनकी निंदा के लिए विश्व हिंदू सेना के बैनर तले गंगा किनारे घाटों और मंदिरों पर पोस्टर लगवाए थे। इनके माध्यम से उसने ओली को चीन के इशारों पर चलना बंद करने की चेतावनी भी दी थी।
इसके बाद भेलूपुर इंस्पेक्टर ने नेपाली समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर लगाने, नेपाल के कथित नागरिक का सिर मुॅंड़वाकर फेसबुक पर पोस्ट करने और विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य की भावना पैदा के आरोप में धारा 505 (2), 295 और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया। इसके बाद से उसकी तलाश जारी है।