लखनऊ।राज्यपाल लालजी टंडन (85 वर्ष) का लखनऊ के मेदांता अस्पताल में मंगलवार को निधन हो गया। लालजी टंडन कई दिनों से राजधानी के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने सुबह 5 बजे अंतिम सांस ली। उनके पुत्र नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने ट्वीट से जानकारी दी।
सोमवार को उनकी हालत नाजुक बताई जा रही थी। इसको लेकर सोमवार को मेदांता अस्पताल की तरफ से मेडिकल बुलेटिन भी जारी किया गया था, जिसमें उनकी हालत नाजुक होने की बात कही गई थी। मेदांता अस्पताल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टर ने उनकी तबीयत गंभीर होने की बात कही थी। दरअसल, बीते 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए लालजी टंडन की तबीयत 15 जून को अधिक बिगड़ गई थी। पेट में ब्लीडिंग होने पर उनका ऑपरेशन भी किया गया था। इसके बाद से वह लगातार वेंटिलेटर पर थे।
टंडन को गत 11 जून को सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेशाब में दिक्कत के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। टंडन की तबीयत खराब होने के चलते उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। उनका पार्थिव शरीर 9:30 बजे त्रिलोकनाथ रोड स्थित सरकारी बंगले पर जाएगा। यह बंगला उनके पुत्र मंत्री आशुतोष टंडन के नाम आवंटित है। 12:00 बजे उनका पार्थिव शरीर चौक स्थित आवास सोंधी टोला जाएगा। व वहीं तीन बजे उनका अंतिम संस्कार गोमती तट पर गुलाला घाट पर किया जाएगा।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की बीजेपी सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे। इन्होंने वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी और निधन बाद लखनऊ से ही 15वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए। लालजी टंडन को 2018 में बिहार का गवर्नर बनाया गया। इसके बाद 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया।