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अमेरिका में सजा काट चुके ISI एजेंट गुलाम नबी फई से लिंक को लेकर NIA ने गौतम नवलखा से की पूछताछ

नई दिल्ली। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इस सप्ताह सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा से सईद गुलाम नबी फई से लिंक को लेकर पूछताछ की। फई अमेरिका में रहने वाला पाकिस्तान समर्थित कश्मीरी अलगाववादी है जिसे FBI ने 2011 में गिरफ्तार किया था और फिर दो साल की जेल काटनी पड़ी थी। इस मामले से जुड़े दो लोगों ने गोपनीयता की शर्त पर यह जानकारी दी।

नवलखा इस समय जेल में हैं और 17 से 22 जुलाई तक पूछताछ के लिए एनआईए ने कस्टडी में रखा है। एफबीआई की जांच के आधार पर यूएस अटॉर्नी नील एच मैकब्राइड ने 2011 में एक शपथपत्र में कहा था कि  ISI के इशारे पर फई ने रिक्रूटमेंट के लिए गौतम नवलखा को ISI जनरल से मिलवाया था। NIA ने नवलखा से इस बारे में पूछताछ की है।

एजेंसी फई के कश्मीर अमेरिकन काउंसिल (KAC) की ओर से आयोजित कुछ सेमिनार में भाग लेने के लिए अमेरिकी दौरों की भी जांच कर रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी पिछले साल सितंबर में न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान गुलाम नबी फई से मुलाकात की थी।

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और एफबीआई के दस्तावेजों के मुताबिक, 2011 में गिरफ्तार किए गए फई को आईएसआई और पाकिस्तान सरकार से 1990 से 35 लाख डॉलर (26 करोड़ रुपए) मिल चुके थे। 7 दिसंबर 2011 को एक शपथपत्र वर्जिनिया कोर्ट में दाखिल करके मैकब्राइड ने कहा, ”पिछले 20 सालों से मिस्टर फई ने पाकिस्तानी इंटलिजेंस से लाखों डॉलर लिए और अमेरिकी सरकार से झूठ बोला।”

इसमें आगे कहा गया है कि पेड ऑपरेटिव के तौर पर वह अमेरिका के निर्वाचित अधिकारियों से भी मिला, हाई-प्रोफाइल कॉन्फ्रेंस को फंड किया और वॉशिंटन में नीति निर्माताओं के सामने कश्मीरी मुद्दे को उछाला। सभी आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद फई को 2012 में दो साल की सजा सुनाई गई और बाहर आने के बाद 3 साल तक निगरानी की गई।

अधिकारियों के मुताबिक, एनआईए को पता चला कि फई की गिरफ्तारी के बाद नवलखा ने उसके समर्थन में एफबीआई को खत लिखा। एजेंसी इस संवाद को प्राप्त करने की कोशिश में है। यह पहली बार है जब भीमा-कोरेगांव घटना के आरोपियों का कश्मीर लिंक भी सामने आया है।

महाराष्ट्र के पुणे जिले में 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद में भाषण के बाद अगले दिन कोरोगांव भीमा वॉर मेमोरियल के पास हिंसा हुई थी। आरोप है कि इस कार्यक्रम को माओवादियों ने आयोजित कराया था। इस मामले में तेलुगू कवि वरवर राव, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरूण फरेरा और वेरनन गोंजाल्विस, मजदूर संघ कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को भी गिरफ्तार किया गया।

अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इस बात के भी सबूत हैं कि नवलखा छत्तीसगढ़ के जंगलों में माओवादी नेताओं से मिलने जाते थे। एजेंसी ने माओवादियों की तरफ से उन्हें मिले कुछ लेटर्स बरामद किए हैं। उनके फोन, ईमेल और यात्रा ब्योरा आदि की जांच की जा रही है।

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