बीजिंग। वुहान से शुरू हुए कोरोना संक्रमण से अभी पूरी दुनिया जूझ ही रही है कि चीन में एक नई संक्रामक बीमारी ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। इस संक्रमण से चीन में सात लोगों की मौत हो चुकी है और 60 लोग बीमार हैं। चीन के सरकारी मीडिया ने बुधवार को आशंका जताई है कि यह संक्रमण इंसानों के बीच फैल सकता है। पूर्वी चीन के जियांग्सू प्रांत में पिछले छह महीने के दौरान एसएफटीएस वायरस से 37 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। पूर्वी चीन के अन्हुई प्रांत में भी 23 लोगों के संक्रमित होने की बात सामने आई है।
एसएफटीएस वायरस से संक्रमित जियांग्सू की राजधानी नानजियांग की एक महिला को शुरू में खांसी व बुखार के लक्षण दिखाई दिए थे। एक महीने के इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, इस वायरस से अन्हुई और झेजियांग प्रांत में कम से कम सात लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, एसएफटीएस वायरस नया नहीं है। चीन में पहली बार वर्ष 2011 में इसका पता चला था। वायरोलोजिस्ट का मानना है कि यह संक्रमण पशुओं के शरीर पर चिपकने वाले कीड़े (टिक) से मनुष्य में फैल सकता है। इसके बाद मानव जाति में संक्रमण का प्रसार हो सकता है।
उधर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीन सरकार को वुहान में ही कोरोना महामारी को रोक देना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘यह वायरस दुनियाभर में नहीं फैलना चाहिए था। वे इसे रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे फैलने दिया। इसी कारण चीन के प्रति अमेरिका को अपनी सोच बदलनी पड़ी। चीन पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता है।’ पिछले महीने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि चीन ने वायरस की बात छिपाई, दुनिया को धोखे में रखा और अपनी करतूत को ढंकने की कोशिश की।
बीते दिनों उत्तरी चीन में ब्यूबानिक प्लेग के फैलने का मामला सामने आया था। इसको लेकर चीन की सरकार ने चेतावनी जारी की थी। चीन के पश्चिमी मंगोलिया में एक 15 साल के लड़के की इस संक्रमण से मौत भी हो गई थी। चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, संक्रमित मरमैट (Marmot) का मांस खाने के कारण उक्त लड़का बीमार पड़ा था। ब्यूबानिक प्लेग मरमैट (Marmot) और बड़े रोडेंट्स (large rodents) में पाया जाता हैं जो उत्तरी एशियाई घास के मैदान में रहते हैं। बता दें कि कोरोना ने सबसे पहले चीन में ही तबाही मचाई थी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फैल गया।
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