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भारत में बड़े हमले की साजिश नाकाम: J&K से 6 आतंकी गिरफ्तार, टेरर फाइनेंसिंग के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़

जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के लिए टेरर फंडिंग करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। अब तक 6 आतंकवादियों को गिरफ्तार भी किया गया है। बताया जा रहा है आतंकवादी भारत में बड़े हमले की साजिश रच रहे थे। इस गिरोह का पर्दाफाश कर पुलिस को आज (8 अगस्त, 2020) एक बड़ी कामयाबी आज हासिल हुई है।

आईजी मुकेश सिंह ने बताया, जम्मू में एक टेरर फाइनैंसिंग नेटवर्क जो लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को पैसे पहुँचने की कोशिश कर रहा है, इस खबर पर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) जम्मू ने मुदासिर फारूक भट से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उसने लश्कर के साथ अपने संबंधों को स्वीकारा।

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया, हमने एमएफ भट्ट से अधिक जानकारी एकत्र की और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 5 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। जिन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है उसमें, तौकीर अहमद भट, आसिफ भट, खालिद लतीफ भट, गाजी इकबाल और तारिक हुसैन मीर शामिल हैं।

जम्मू पुलिस महानिरीक्षक ने बताया, हमारे पास 15 अगस्त को लेकर किसी भी आतंकी गतिविधि योजना के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन हाँ यह फिर से सक्रिय करने का प्रयास था और शायद, वे भविष्य में कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे थे।

वहीं इससे पहले गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया था कि केंद्रशासित प्रदेश में मानवरहित विमानों के जरिए हथियार और गोला-बारूद भेजने का पाकिस्तान ने एक नया तरीका अपना लिया है और पिछले कुछ समय में इस तरह की कई घटनाओं का पर्दाफाश हुआ है।

सिंह ने कहा, सीमा पार से 2020 के पहले सात महीनों में 75 प्रतिशत अधिक गोलीबारी हुई है। इस जुलाई तक पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की 487 घटनाएँ हुईं, जबकि 2019 में इसी अवधि के दौरान इस तरह की 267 घटनाएं हुई थीं। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए इस साल सीमा पार से गोलीबारी में वृद्धि कर दी है। इस साल अब तक सीमा पार से केवल 26 आतंकी ही इस केंद्रशासित प्रदेश में प्रवेश कर पाए हैं।

पुलिस महानिदेशक ने कहा, यहाँ मौजूद आतंकवादियों के लिए हथियारों की भारी कमी हो गई है। इसके साथ ही लगातार चलाए गए आपरेशन की वजह से 300- 350 आतंकी की जगह जम्मू कश्मीर में वर्तमान में 200 से भी कम आतंकवादी सक्रिय हैं।

उन्होंने आगे कहा, इस साल अब तक 80 स्थानीय युवा आतंकवाद में शामिल हो चुके हैं, जिनमें से 38 मारे गए और 22 गिरफ्तार किए गए। आतंकवाद में शामिल होने वाले 20 लोग अभी सक्रिय हैं।

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