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रायबरेली की MLA अदिति सिंह ने CM योगी को बताया राजनीतिक गुरु, कभी गाँधी परिवार की थीं खास

लखनऊ। कॉन्ग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक गुरु बताया है। अदिति हाल में पार्टी विरोधी स्टैंड को लेकर चर्चा में रही हैं।

एक जमीन से कब्जा छुड़वाने पहुँचीं अदिति सिंह ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की और उनके आगे ही योगी जिंदाबाद के नारे भी जमकर लगाए गए।

सोमवार (अगस्त 10, 2020) को अदिति सिंह रायबरेली के सिविल लाइन चौराहे पर पहुँची थीं। वह कमला नेहरू ट्रस्ट की जमीन पर काबिज पटरी दुकानदारों को हटाए जाने का विरोध कर रही थीं। पुलिस का कहना था कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद जमीन खाली कराई जा रही है, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थीं। वह खुलकर दुकानदारों के पक्ष में उतर आईं।

विधायक अदिति सिंह ने सबके सामने सीएम योगी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैं खुले मुँह से कहना चाहती हूँ कि गरीबों की जो दुकानें बची हैं वह मेरे राजनीतिक गुरु और हमारे माननीय मुख्यमंत्री महाराज योगी आदित्यनाथ की वजह से है। उनकी वजह से हम यह लड़ाई लड़ रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि गरीबों को योगी सरकार में प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। चाहे कुछ सोसायटी या भूमाफिया लोग कितनी भी कोशिश कर लें। आप कितने लोगों को पैसे खिलाएँगे? योगी सरकार गरीबों के साथ है। अदिति सिंह के बयान पर जमकर योगी आदित्नयाथ जिंदाबाद के नारे लगे।

अदिति सिंह ने कहा कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने मामले की जाँच कराने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण को जब मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया तब उन्होंने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए भरोसा दिया है कि अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

इस दौरान उन्होंने कमला नेहरू ट्रस्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि जब जमीन पर कई दशक से ये दुकानदार काबिज है तो ट्रस्ट के पक्ष में ये जमीन कैसे फ्री होल्ड हो गई।

गाँधी परिवार की करीबी रहीं अदिति सिंह को बीते दिनों पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित कर दिया गया था। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की सदर सीट से विधायक अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने को लेकर कॉन्ग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की थी। जिसे उन्होंने खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि विधायक अदिति सिंह ने उत्तर प्रदेश में श्रमिकों के बसों के लिए हो रही राजनीति पर सवाल उठाया था। अपनी ही पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए पूछा था कि कोरोना आपदा के समय इतनी ‘ओछी राजनीति’ करने की क्या आवश्यकता थी?

अदिति सिंह ने ट्वीट कर लिखा था, “आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा। 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियाँ, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है। अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूँ नहीं लगाई।”

पिछले दिनों ये खबरें भी आईं थीं कि अदिति सिंह को कॉन्ग्रेस ने महिला विंग के महासचिव पद से हटा दिया है। राष्ट्रपति महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के मौके पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र का कॉन्ग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने बहिष्कार किया था। मगर कॉन्ग्रेस के बहिष्कार के बावजूद अदिति सिंह ने सदन में पहुँच कर सभी को चौंका दिया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का भी समर्थन किया था।

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