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जितिन प्रसाद ने CM योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र, परशुराम जयंती पर अवकाश बहाल करने की मांग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी में लगे दलों में अब ब्राह्मण मतदाताओं को अपनी ओर लेने की होड़ मची है। समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी के बाद अब कांग्रेस भी इस होड़ में शामिल हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परशुराम जयंती पर अवकाश को बहाल करने का अनुरोध किया है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ब्राह्मण और उनके आराध्य भगवान परशुराम को लेकर दांव पर दांव चले जा रहे हैं। कई दिन से सामाजिक संस्था ब्रह्म चेतना परिषद के बैनर तले सोशल मीडिया पर ब्राह्मणों की एकजुटता के लिए अभियान चला रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद अब बतौर कांग्रेस नेता ही सामने आ गए हैं। सपा-बसपा ने जहां भगवान परशुराम की प्रतिमा लगवाने की घोषणा कर दी है, वहीं जितिन ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा। इसमें लिखा है कि भगवान परशुराम विष्णु जी के छठवें अवतार हैं, जिस कारण वह ब्राह्मण समाज की आस्था के प्रतीक हैं। उनका जन्म बैसाख माह की तृतीया को हुआ था। भगवान शिव के परम भक्त परशुराम जी को न्याय के देवता का अधिकार था। इस कारण ब्राह्मण समाज के साथ ही अन्य लोगों की आस्था भी उनमें है। जितिन ने लिखा है कि परशुराम जयंती पर प्रतिवर्ष राजकीय अवकाश होता रहा है, जिसे आपकी सरकार ने निरस्त कर दिया। इससे ब्राह्मण समाज में आक्रोश है। कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री ने अवकाश को बहाल करने की मांग की है।

अखिलेश और मायावती की ओर से हो रही मूर्ति पॉलिटिक्स के बाद अब कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने CM योगी को पत्र लिख भगवान परशुराम की जयंती पर होने वाले अवकाश को फिर से देने का अनुरोध किया है। सरकार पर विपक्ष ब्राह्मणों की अनदेखी करने का आरोप लगा रही है और खुद ब्राह्मण कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। सूबे में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भले ही 10-12 फीसदी है, लेकिन माना जाता है कि सत्ता बनाने और बिगाड़ने में इनकी अहम भूमिका रहती है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विशेष आमंत्रित सदस्य जितिन प्रसाद ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने भगवान परशुराम की जयंती पर होने वाले अवकाश को फिर से बहाल करने का अनुरोध किया है। पत्र में उन्होंने यूपी सरकार के रद फैसले पर पुन:विचार करने को कहा है। जितिन प्रसाद ने लिखा है कि भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार कहे जाते हैं। इसी कारण वह ब्राह्मण सामज की आस्था का प्रतीक हैं। प्रदेश में भगवान परशुराम जयंती का अवकाश रद होने से ब्राह्मण समाज में काफी आक्रोश है।

इससे पहले भी जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश में ज्ञानपुर विधानसभा से चार बार के विधायक बाहुबली नेता विजय मिश्रा पर केस दर्ज होने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा था। जितिन प्रसाद ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश में अब पंडित विजय मिश्रा जैसे विधायक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। संगठन ब्राह्मण चेतना परिषद को टैग कर जितिन प्रसाद ने लिखा कि क्या एक जाति विशेष में अब जन्म लेना भी असुरक्षा का कारण बनने लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद खुद को ब्राह्मण चेतना परिषद के संरक्षक बताते हैं।

उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने की शुरुआत समाजवादी पार्टी ने की है।

समाजवादी पार्टी ने प्रदेश के हर जिले में भगवान परशुराम की प्रतिमा लगवाने का वादा किया है। इसके बाद बसपा मुखिया मायावती भी मैदान में उतर आईं। उन्होंने कहा कि बसपा उत्तर प्रदेश में भगवान परशुराम की सबसे ऊंची प्रतिमा लगवाएगी। इसके साथ ही उनके नाम पर अस्पताल, गेस्ट हाउस तथा प्रमुख स्थानों पर सामाजिक चेतना के केंद्र भी बनवाएगी।

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