Saturday , April 27 2024

राजीव त्यागी के आखिरी शब्द, पत्नी को बताई बात, 45 मिनट तक कोशिश करने के बाद डॉक्टर भी आये सामने

कांग्रेस के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राजीव त्‍यागी बुधवार शाम 5 बजे एक न्‍यूज चैनल में बेंगलुरू हिंसा पर चर्चा-बहस के शो का हिस्‍सा थे । चो अपने घर से ही लाइव जुड़े हुए थे । शाम करीब 5 बजे शुरू हुई इस डिबेट में राजीव त्यागी शुरुआत से ही असहज नजर आ रहे थे, वो बार-बार गिलास में पानी लेकर पी रहे थे। आमतौर पर परिवार लाइव के दौरान उनके कमरे में नहीं जाता था, लेकिन जब उन्‍हें बार-बार ऐसा करते देखा तो पत्नी संगीता त्यागी और छोटे बेटे धनंजय को शक हो गया। लेकिन जब तक शो खत्‍म हुआ तब तक देर हो चुकी थी ।

पत्‍नी से कही थी ये बात, आखिरी शब्‍द

टीवी पर पति को असहज देख कर जब पत्नी कमरे में पहुंचीं तो राजीव ने कहा कि वह उनसे बोले कि वो असहज महसूस कर रहे हैं, बस ये कहते ही वो कुर्सी से गिर पड़े, बेटा धनंजय भागता हुआ पड़ोस से ही एक डॉक्टर को बुला लाया। डॉ. ने त्‍यागी को सीपीआर देकर अस्पताल ले जाने को कहा । जिसके बाद राजीव त्यागी के साले विवेक, कमलकांत, पत्नी संगीता और बेटा धनंजय और छोटू नाम का ड्राइवर ठीक 6:02 बजे कार से उन्‍हें लेकर 6:10 तक कौशांबी के यशोदा अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों की टीम ने फौरन ही राजीव को आईसीयू में ले जाकर सीपीआर दी।

45 मिनट तक की कोशिश

यशोदा अस्पताल के सीओओ डॉ. सुनील डागर ने जानकारी देते हुए बताया कि शाम सवा छह बजे राजीव त्यागी को अस्पताल लाया गया था । अस्‍पताल में सघन जांच के बाद उन्हें मृत पाया गया । रात करीब सवा 8 बजे परिजन उनका शव अस्पताल से लेकर घर चले गए थे । घर पर उनके शव को शीशे के बॉक्स में रखवा दिया गया । पति की मौत से पत्‍नी संगीता त्‍यागी सदमे में हैं, अचानक ये क्‍या हो गया वो कुछ समझ ही नहीं पा रही हैं । बेटा धनंजय भी सदमे में है । मां-बेटे लंबे देर रात तक पार्थिव शरीर के पास ही बैठे रहे ।

बहस के दौरान ही कोलाप्‍स हो गए थे

यशोदा हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि राजीव त्यागी टीवी डिबेट के दौरान ही अचानक कोलाप्स कर गए थे। राजीव त्यागी को अचेत देखते हुए घरवालों ने पहले उन्हें कार्डियक मसाज और सीपीआर दिया । डॉक्‍टर ने बताया कि जब वह हॉस्पिटल पहुंचे तो वह अचेत थे और रिस्पॉन्ड नहीं कर रहे थे। उनकी बीपी और पल्स भी नहीं था। जिसके बाद अडवांस कार्डियक लाइफ केयर प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज शुरू किया। वेंटिलेटर पर लेने के बाद 45 मिनट तक सीपीआर, इंजेक्शन और लाइफ सेविंग ड्रग्स दी। लेकिन वो नहीं बच सके ।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch