Friday , March 29 2024

आफत:30 घंटे बाद भी नहीं आई बिजली

लखनऊ। स्मार्ट मीटर के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी के कारण राजधानी के करीब पांच हजार घर व दुकानों में गुरुवार देर रात तक बिजली कनेक्शन से नहीं जुड़ सके। जानकीपुरम, विकासनगर, कमता, बीकेटी, आलमबाग, चौक सहित कई इलाकों में 30 घंटे बाद भी बिजली सप्लाई चालू नहीं हुई। इससे गुस्साए लोगों ने राजाजीपुरम उपकेंद्र में प्रदर्शन किया। गुरुवार को सुबह से शाम तक लोग पानी के लिए तरस गए। उतरेठिया, पारा, ठाकुरगंज उपकेंद्रों पर भी उपभोक्ताओं ने हंगामा किया।
बिजली कनेक्शन न जुड़ने पर प्रदर्शन:
राजाजीपुरम में स्मार्ट मीटर का कनेक्शन न जुड़ने से नाराज व्यापारियों ने उपकेंद्र पहुंचकर प्रदर्शन किया। व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा ने बताया कि शहर में बिजली किल्लत है, अधिकारी विफल साबित हो रहे हैं।
उपकेंद्रों पर कोई सुनवाई नहीं हुई : आलमबाग के स्नेहनगर निवासी हृदेश अग्रवाल ने बताया कि उनकी आइसक्रीम की दुकान है। अचानक बिजली कटने से काफी नुकसान हुआ है। रात भर बिजली जुड़वाने के लिए उपकेंद्र से लेकर अधिकारियों तक फोन किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। वहीं जानकीपुरम सेक्टर-एच निवासी एसआर दिवाकर ने बताया कि बिजली न आने से रात भर सो नहीं पाए। वहीं जानकीपुरम निवासी संदीप ने बताया कि गुरुवार रात 8 बजे तक बिजली चालू नहीं हुई।
सभी घरों में स्मार्ट मीटर होते तो ग्रिड फेल होता
लखनऊ। स्मार्ट मीटर बंद होने पर इनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि., एलएंडटी, मीटर बनाने वाली कंपनियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। चर्चा है कि स्मार्ट मीटर के साफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा था, साफ्टवेयर अपडेट के दौरान ड्राई रन कराते समय सिस्टम में गड़बड़ी आई। राहत की बात यह थी कि स्मार्ट मीटर करीब 10 लाख घरों में ही लग थे, यदि प्रदेश के सभी पौने तीन करोड़ उपभोक्ताओं के कनेक्शन स्मार्ट मीटर से होते तो ग्रिड ही फेल हो जाता।
चीन में बनी चिप लगी है स्मार्ट मीटर में
स्मार्ट मीटर में चीन में बने चिप लगे होने की बातें भी सामने आ रही हैं। स्मार्ट मीटर के साफ्टवेयर में गलत कमांड कैसे लिया गया इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। महकमे में यह भी चर्चा है कि राज्य सरकार की सख्ती से भी कुछ अधिकारी परेशान हैं। काम करना पड़ रहा है। धन उगाही में व्यवधान पड़ा हुआ है। इसलिए जान-बूझकर गलत कमांड दिया गया ताकि स्मार्ट मीटर के खिलाफ जनता को बरगलाया जा सके। सरकार की छवि खराब हो।

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