Friday , April 19 2024

महिला शक्ति पर बोले पीएम मोदी, बेटियों की शादी की उम्र पर होगा पुनर्विचार

नई दिल्ली। भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला शक्ति को सलाम किया है। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाशक्ति को जब-जब मौका मिला है उन्होंने देश का नाम रोशन किया और देश को मजबूती दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि लड़कियों की शादी की उम्र की सरकार समीक्षा कर रही है, जिस पर पुनर्विचार के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। महिलाओं के लिए और क्या-क्या बोले पीएम मोदी, आइए जानते हैं-

बेटियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने के लिए समिति का गठन

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने अनुभव किया है जब भी महिलाओं को अवसर मिला, उन्होंने भारत को गौरवान्वित किया और इसे मजबूत बनाया। आज देश उन्हें रोजगार के समान अवसर प्रदान कर रहा है। आज महिलाएं कोयला खदानों में काम कर रही हैं, हमारी बेटियां लड़ाकू विमान उड़ाते हुए आसमान को छू रही हैं। हमने अपनी बेटियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने के लिए समिति का गठन किया है। समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद उचित निर्णय लेगी।

देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं उनमें से 22 करोड़ खाते महिलाओं के हैं। कोरोना महामारी के दौरान अप्रैल, मई और जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में तकरीबन 30 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं।

एनसीसी में बेटियों को बढ़ावा देने पर दिया जोर

लखनऊ की श्वेता ने पीएम के साथ ध्वजारोहण समारोह की कमान संभाली

स्वतंत्रता दिवस पर हर बार प्रधानमंत्री के साथ झंडा फहराते वक्त फ्लैग ऑफिसर मौजूद रहते हैं। इस बार यह जिम्मेदारी लखनऊ की बेटी मेजर श्वेता को दी गई। उन्होंने झंड़ा फहराने में पीएम मोदी की मदद की। इसके अलावा, श्वेता रूस में विक्ट्री डे पर भारत के तीनों अंगों की सेनाओं के मार्च पास्ट दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला सैन्य अधिकारी हैं। श्वेता कम्प्यूटर साइंस से बीटेक हैं। उनके पिता राज रतन पांडेय यूपी सरकार के वित्त विभाग में अतिरिक्त निदेशक हैं, जबकि मां अमिता पांडेय प्रोफेसर हैं। उनकी तैनाती फिलहाल दिल्ली में 505 फील्ड यूनिट में है।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch