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धोनी ने रिटायरमेंट के ऐलान के साथ कहा-‘मैं पल दो पल का शायर…’

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) से रिटायरमेंट (Retirement) का ऐलान कर दिया है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर संन्यास लेने की घोषणा की. वीडियो में धोनी के अब तक के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की तस्वीरें हैं और इसके बैकग्राउंड में गाना चल रहा है- ‘मैं पल दो पल का शायर हूं…’  फिल्म ‘कभी कभी’ का ये गाना मशहूर गायक मुकेश की आवाज में है. 4 मिनट और 7 सेकेंड के वीडियो में महेंद्र सिंह धोनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की कई तस्वीरें शेयर की हैं.

इस वीडियो के साथ धोनी ने लिखा, ‘आप सभी के प्यार और समर्थन का शुक्रिया जो मुझे हमेशा हासिल हुआ. 7 बजकर 29 मिनट पर ये समझें कि मैं रिटायर हो गया हूं.’

बता दें कि धोनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल मैच के बाद एक भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला नहीं खेला था. तब से उनके रिटायरमेंट के कयास लगाए जा रहे थे. धोनी अब अपना सारा फोकस आईपीएल 2020 के लिए लगाएंगे. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में 3 बार चैंपियन रह चुकी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) और उनके बाकी अन्य टीम साथी लीग के 13वें सीजन से पहले एक छोटी सी ट्रेनिंग कैम्प के लिए शुक्रवार को चेन्नई पहुंचे थे.

टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान MS Dhoni ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। एम एस धौनी ने भारत के लिए आखिरी मैच 2019 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था जो सेमीफाइनल मुकाबला था। इस मैच में भारत को हार मिली थी और इसके बाद से ही धौनी के क्रिकेट करियर को लेकर काफी कयास लगाए जा रहे थे। अब माही ने अचानक से क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। धौनी ने अपने रिटायरमेंट की खबर अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दी।

माही टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान रहे हैं जिन्होंने अपनी अगुआई में भारत को सफलता की नई बुलंदियों पर पहुंचाया था। किसी को शायद ही पता था कि महेंद्र सिंह धौनी को जब टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी जाएगी तो वो इस टीम को उस बुलंदी तक पहुंचा देंगे जिसकी कल्पना भी शायद ही की जा सकती है। राहुल द्रविड़ द्वारा कप्तानी छोड़ने के बाद धौनी के हाथ में कप्तानी सौंपी गई और उन्होंने साल 2007 में पहली बार आयोजित टी20 वर्ल्ड कप में युवा भारतीय खिलाड़ियों के साथ साउथ अफ्रीका में भारत का परचम लहरा दिया। धौनी ने अपने इस अंदाज से दिखा दिया कि आगे वो क्या करने वाले हैं।

इसके बाद उनका सफर आगे बढ़ता गया और टीम एक से बढ़कर एक नई कामयाबी हासिल करती रही। फिर वक्त आया साल 2011 का जब भारत में वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया। ये टीम इंडिया के लिए सुनहरा मौका था अपनी धरती पर अपने फैंस के सामने फिर से दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीतने का। माही की अगुआई में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप में अपना सफर शुरू किया और 28 साल के बाद धौनी ने एक बार फिर से देश के देशवासियों को वो खुशियां दी जिसका इंतजार 1983 के बाद से लगातार किया जा रहा था। धौनी ने भारत को दूसरा वनडे वर्ल्ड कप खिताब दिलाया।

धौनी की सफलता का करवां यही नहीं रुका वो आगे बढ़ते रहे, टीम इंडिया भी आगे बढ़ती रही और फिर साल 2013 में उन्होंने आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी टीम को दिलवाया। उनकी कप्तानी में भारत ने दो बार यानी साल 2010 और 2016 में एशिया कप खिताब भी जीता था। माही दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने आइसीसी के सारे खिताब अपनी कप्तानी में जीते। महेंद्र सिंह धौनी ने टेस्ट की कप्तानी भी पूरी दुनिया को चौंकाते हुए अचानक से छोड़ दी थी और एक बार फिर से उन्होंने अपने चाहने वालों को चौंकाते हुए एक बड़ा फैसला लिया।

अब इंटरनेशनल क्रिकेट में माही का अंदाज तो हमें देखने को नहीं मिेलेगा। धौनी का नाम सामन आते ही उनका कूल अंदाज नजर के सामने आता है जो किसी भी परिस्थिति में अपना आपा नहीं खोता था। कप्तान के तौर पर तो धौनी हिट थे ही एक खिलाड़ी यानी बल्लेबाज व विकेटकीपर के तौर पर भी उन्होंने जो पहचान बनाई वो अपनेआप में काबिलेतारीफ है। पाकिस्तान के खिलाफ लंबे बालों में जब उन्होंने शतकीय पारी खेली तो वहां के उस वक्त राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ ने भी कहा था- आप अपने बाल मत कटवाना, आप इसमें बहुत कूल दिखते हैं। ये था माही का अंदाज और अब यही अंदाज हमें इंटरनेशनल क्रिकेट मैदान पर देखने को नहीं मिलेगा।

15 अगस्त 2020 का दिन यादगार बन गया क्योंकि इस दिन भारत के सबसे सफल कप्तान ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धौनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए और उनका बेस्ट स्कोर 224 रन था। वहीं विकेटकीपर के तौर पर उन्होंने टेस्ट में विकेट से पीछे 256 कैच और 38 स्टंप किए। वनडे कि बात करें तो उन्होंने 350 मैचों में 50.57 की औसत से 10,773 रन बनाए थे और बेस्ट स्कोर नाबाद 183 रन था। वनडे में उन्होंने 321 कैच और 123 स्टंपिंग किए। टेस्ट में उन्होंने 6 शतक लगाए थे जबकि वनडे में उन्होंने 10 शतक लगाए थे। टी20 की बात करें तो उन्होंने 98 मैचों में 1617 रन बनाए थे। टी20 में उनका बेस्ट स्कोर 56 रन रहा जबकि विकेट के पीछे उन्होंने क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में 57 कैच और 34 स्टंप किए।

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