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बेंगलुरु दंगा: पकड़ाया समीउद्दीन अल-हिंद आतंकी समूह से, RSS कार्यकर्ता मर्डर के आरोपितों से भी था संपर्क

बेंगलुरु।  हाल ही में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक हिस्से में विवादास्पद फेसबुक पोस्ट पर की गई कथित टिप्पणी को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में बेंगलुरु पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है। बेंगलुरु के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संदीप पाटिल ने कहा कि 11 अगस्त की रात को डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन में हुई हिंसा के सिलसिले में उनके द्वारा समीउद्दीन को हिरासत में लिया गया है।

शीर्ष पुलिस ने कहा कि जाँच के दौरान समीउद्दीन आरएसएस कार्यकर्ता रूद्रेश हत्या मामले के एक आरोपित के संपर्क में पाया गया। इसके अलावा, समीउद्दीन पिछले कुछ वर्षों से अल-हिंद आतंकवादी समूह के सदस्यों के साथ भी संपर्क बनाए हुए था।

इस बीच कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार (अगस्त 17, 2020) को कहा कि कॉन्ग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति, जिनके घर पर 11 अगस्त की रात हिंसा हुई थी, ने एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिया है।

कर्नाटक के मंत्री ने आगे कहा, “लेकिन उन्होंने (अखंड श्रीनिवास मूर्ति) कहा कि जब भी उन्हें पता चलेगा कि इसमें कौन शामिल है, तो वह सूचित करेंगे। हम उनका सहयोग चाहते हैं। उनके घर को जलाने की जाँच कराने के लिए हमारे पास अपने गवाह हैं। हम जल्द जाँच शुरू करेंगे।”

गौरतलब है कि कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने पिछले महीने राज्य में अल-हिंद आतंकवादी समूह की कथित उपस्थिति पर टिप्पणी की थी। मंत्री ने एक अखबार को बताया था कि इस साल की शुरुआत में जनवरी में पुलिस द्वारा एक अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था। 2018-19 में एक और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया। दोनों मामलों में लगभग 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

उल्लेखनीय है कि फेसबुक पर विवादित पोस्ट पर कथित विवादित टिप्पणी श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे पी नवीन ने की थी। बेंगलुरु पुलिस ने हिंसा में अपनी जाँच जारी रखी है, जिसमें चार लोग मारे गए। आगजनी में कथित रूप से शामिल होने के लिए 58 और लोगों को गिरफ्तार किया गया।

बेंगलुरु पूर्व के लिए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एसडी शरणप्पा ने आईएएनएस को बताया, “हमने शुक्रवार से अब तक 58 और लोगों को गिरफ्तार किया है, दंगों में उनकी भूमिका के लिए आयोजित किए गए संदिग्धों की कुल संख्या अब तक 264 है।”

एसडी शरणप्पा ने आगे कहा, “गिरफ्तार किए गए लोगों में से मुख्य आरोपित पूछताछ के लिए हमारी (पुलिस) हिरासत में हैं, जबकि अन्य को शहर के बाहरी इलाके में केंद्रीय जेल और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के तहत बल्लारी जेल में रखा गया है। उनके दंगों में उनकी भूमिका पर जाँच प्रक्रिया जारी है।”

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