लखनऊ। कोविड-19 के संक्रमण के दौर में भी उत्तर प्रदेश विधानमंडल की कार्यवाही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के हंगामे के बाद भी सदन को संबोधित किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश की सारी आबादी की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है और हम उसको बखूबी निभा भी रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि कोरोना संक्रमण के काल में हम इस महामारी पर अंकुश लगाने के प्रयास के साथ ही प्रदेश में विकास कार्य को भी गति देते रहे। उन्होंने प्रदेश की कानून-व्यवस्था हमारी प्राथमिकता थी और रहेगी। हमने जिनके साथ जैसा व्यवहार करना चाहिए था, वैसा ही किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिल्ली में आज गिरफ़्तार आतंकी ने माना है कि उनकी राम मंदिर शिलान्यास के एक महीने के भीतर आतंकी हमला करने की थी। हम लगातार सतर्क हैं, शायद इसी कारण उनके मंसूबों पर पानी फिर गया है। उन्होंने कहा कि आतंकी से पूछताछ में पता चला है कि वह उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ नये कानून और एनकाउंटर में 47 मुस्लिम अपराधियों के मारे जाने का बदला लेने की तैयारी में था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने प्रदेश की कानून-व्यवसथा दुरुस्त रखने की खातिर काफी जगह पर सख्ती भी की है। हमने उपद्रव करने वालों को नहींं छोड़ा है। सीएए के विरोध में उपद्रव के दौरान सरकारी तथा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से हमने वसूली की है। जुर्माना देने वाले बाहर हैं, जबकि जुर्माना न भर पाने वाले जेल में हैं। हमारी ही इस नीति का अनुसरण अब अन्य राज्य भी कर रहे हैं। हमने उपद्रवियों से वसूली करने के साथ संपत्तियों की कुर्की की है। हमारी सरकार आज ही विधानसभा में उपद्रवियों के खिलाफ वसूली और संपत्ति कुर्की का विधेयक लेकर आई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तो विपक्ष के नेता भी भगवान श्रीराम का नाम रटने लगे हैं। विपक्ष के लोग भी राम और परशुराम का नाम लेने लगे हैं। चलो अच्छा है कि यह भी राम नाम जपने लगे, इन्हेंं पता चल गया है कि राम के बिना वैतरणी पार नहीं होगी। यह सब वही लोग है जो रामसेतु का भी विरोध करते थे।
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