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चीन को एक और झटका: रेलवे ने रद्द किया 44 नए हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस बनाने का टेंडर, बोली में चीनी कंपनी भी थी शामिल

नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद भारत की ओर से चीनी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। अब भारतीय रेलवे ने शुक्रवार (21 अगस्त, 2020) को 44 नए हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन निर्मित करने के टेंडर को रद्द कर दिया है। अगले एक हफ्ते में नया टेंडर जारी किया जाएगा। अब नए टेंडर के नियम बदले जाएँगे। रेलवे ने ट्वीट के जरिए शुक्रवार देर रात टेंडर रद्द करने की जानकारी दी।

भारत सरकार की ओर से निविदा रद्द किए जाने का कदम चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योेंकि 44 हाई स्पीड ट्रेन की आपूर्ति के लिए 6 दावेदारों में चीनी संयुक्त उद्यम सीआरआरसी पॉयनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड अकेली विदेशी बोलीदाता के रूप में उभरी थी। लेकिन चीन से इसका संबंध होने के कारण टेंडर रद्द कर दिया गया।

रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ”44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निर्माण की निविदा रद्द कर दी गई है। संशोधित सार्वजनिक खरीद (‘मेक इन इंडिया” को वरीयता) आदेश के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर ताजा निविदा आमंत्रित की जाएगी।” हालाँकि, रेलवे ने निविदा रद्द करने के पीछे किसी खास कारण का उल्लेख नहीं किया।

चेन्नई की रेलवे कोच फैक्ट्री ने 10 जुलाई को 44 हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया था। रेल मंत्रालय के मुताबिक, चीन की संयुक्त उद्यम के अलावा अन्य पाँच बोलीदाताओं में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत इंडस्ट्रीज, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेधा सेर्वो ड्राइवस प्राइवेट लिमिटेड और पावरनेटिक्स एक्विप्मेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे।

देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी ने 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली से वाराणासी के लिए किया था। दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली से कटरा के बीच चलती है। इसका नाम पहले टी-18 था। जिसको हरी झंडी अमित शाह द्वारा 3 अक्टूबर को दिखाई गई थी। इसे आईसीएफ चेन्नई ने बनाया था। ये दोनों ट्रेन सेट सौ प्रतिशत मेक इन इंडिया हैं। आईसीएफ ने प्रत्येक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेट को महज 97 करोड़ में बनाया था। इसे 18 महीनों के भीतर ही डिजाइन करके पटरी पर उतार दिया गया था।

गौरतलब है कि इससे पहले भारत सरकार ने टिकटॉक समेत कुल 59 चीनी ऐप्स को देश में बैन कर दिया गया था। भारत और चीन के बीच गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार की तरफ से यह कार्रवाई हुई थी। उस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे तो वहीं चीन के 35 सैनिकों के मारे जाने की बात कही गई थी। चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के फैसले पर भारत सरकार का कहना था कि सुरक्षा के मद्देनजर ये कदम उठाया गया है।

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