Friday , April 26 2024

अब चीन को सऊदी अरब ने दिया झटका, 10 अरब डॉलर के समझौते से खींचे हाथ; भारत में निवेश करती रहेगी अरामको

कोरोना वायरस फैलाने के लेकर चीन पूरी दुनिया के निशाने पर है। पिछले दिनों गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के बलिदान होने के बाद चीन को लेकर भारत का रुख सख्‍त होता चला गया। भारत ने एक के बाद एक कई परियोजनाओं में समझौते रद्द कर चीन को झटके दिए। अब सऊदी अरब ने भी चीन को तगड़ा झटका दिया है। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको (Aramco) ने चीन के साथ हुए 10 अरब डॉलर (करीब 75 हजार करोड़ रुपए) के समझौते से हाथ खींच लिए हैं।

इस डील के तहत चीन के साथ मिलकर अरामकोएक रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स बनाने वाली थी। चीन के लिए यह बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मची तबाही के बीच तेल की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट के कारण यह फैसला लिया गया है।

तेल की कीमतों में गिरावट से तेल कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है और ऐसे में मौजूदा हालात को ध्‍यान में रखते हुए अरामको ने चीन के साथ इस डील को फिलहाल निलंबित करने का फैसला किया है।

सऊदी अरब और चीन के बीच हुए डील को निलंबित किए जाने का कारण हालाँकि तेल का सस्‍ता होना बताया जा रहा है, पर इसे लेकर अरामको या उनके चीनी भागीदारों चाइना नॉर्थ इंडसट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन और पंजिन सिनसेन की तरफ से कोई टिप्‍पणी नहीं की गई है। चीन और सऊदी अरब के बीच यह डील फरवरी 2019 में हुई थी, जिस पर खुद सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान ने साइन किया था।

माना जा रहा था कि इसके इसके जरिए अरामको जहाँ एशियाई बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती थी। यह भी कहा गया था कि इस डील के बाद सऊदी अरब, चीन में बड़ा निवेश कर सकता है। लेकिन फिलहाल बाजार में जारी अनिश्चितता को देखते हुए इस डील को ठंडे बस्‍ते में डाल दिया गया है। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दुनियाभर में पाबंदियाँ हैं और तेल की माँग भी काफी घट गई है।

तेल की घटती माँग का सीधा असर इसकी कीमतों पर पड़ा है, जिससे दुनिया भर में तकरीबन सभी कंपनियाँ प्रभावित हैं। सऊदी अरामको भी तेल की घटती माँग और कीमत में गिरावट की समस्‍या से जूझ रही है। ऐसे में उसने फिलहाल कैपिटल एक्सपेंडिचर घटाने पर फोकस किया है और इसी के तहत उसने चीन साथ इस बड़ी डील पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। इससे चीन को व्‍यापक पैमाने पर नुकसान हो सकता है।

जानकारी के मुताबिक अरामको ने महाराष्ट्र में प्रस्तावित 44 अरब डॉलर के रत्‍नागिरी मेगा रिफाइनरी प्रोजेक्ट में निवेश का ऐलान किया था। आशंका जताई जा रही थी कि अगर तेल की कीमतें ऐसे ही कम होती रहीं तो कंपनी भारत में भी निवेश से पीछे हट सकती है। हालाँकि अरामको ने इस पर साफ कर दिया है कि कंपनी ने भारत में अपनी निवेश योजना में कोई बदलाव नहीं किया है। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के साथ 15 अरब डॉलर का सौदा भी शामिल है।

वहीं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने शनिवार (अगस्त 22, 2020) को कहा कि इस वर्ष ‘मेड-इन-चाइना’ गणेश की मूर्तियों का आयात शून्य रहा है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर बोलते हुए, CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “हर साल देश भर में भगवान गणेश की लगभग 30 करोड़ मूर्तियाँ खरीदी जाती हैं।”

गौरतलब है कि पिछले दिनों अमेरिका ने चीन पर कोरोना संक्रमण समेत कई बातों को लेकर निशाना साधा था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन की एप्लीकेशन टिकटॉक और वी चैट के मालिकों से किसी भी तरह का लेन-देन करने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके साथ ही रूस ने चीन को दी जाने वाली S-400 मिसाइल की डिलीवरी पर रोक लगा दी थी।

हाल ही में भारतीय रेलवे ने 44 नए हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन निर्मित करने के टेंडर को रद्द कर दिया है। भारत सरकार की ओर से टेंडर रद्द किए जाने का कदम चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योेंकि 44 हाई स्पीड ट्रेन की आपूर्ति के लिए 6 दावेदारों में चीनी संयुक्त उद्यम सीआरआरसी पॉयनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड अकेली विदेशी बोलीदाता के रूप में उभरी थी। लेकिन चीन से इसका संबंध होने के कारण टेंडर रद्द कर दिया गया।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch