नई दिल्ली। पब्लिशिंग हाउस ब्लूम्सबरी द्वारा ‘Delhi Riots 2020: The Untold Story’ पुस्तक का प्रकाशन रद्द करने के बाद गरुड़ ने इसे प्रकाशित करने का फैसला किया था। बता दें कि पुस्तक के लिए 30,000 से अधिक प्रीऑर्डर आ चुके हैं।
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर बताया है, “किताब की 30,000 प्रतियों के ऑर्डर पहले ही दिए जा चुके हैं। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं दिल्ली दंगे की अनकही कहानी की 100 प्रतियाँ खरीदूँगा। मैं इस किताब की 100 कॉपी खरीद कर लोगों को पढ़ने को दूँगा। आइए हम सब मिलकर 50,000 बुकिंग का रिकॉर्ड बनाएँ। 50,000 किताब – करारा जवाब।”
यह पुस्तक लेखकों की पड़ताल और इंटरव्यू पर आधारित है। इसे ब्लूम्सबरी द्वारा सिंतबर 2020 में प्रकाशित किया जाना था। पुस्तक की 100 प्रतियाँ प्रिंट की गईं और लेखकों को सौंप दी गईं। यह अमेज़ॅन पर प्री-ऑर्डर के लिए भी उपलब्ध था। हालाँकि, इस्लामी और वामपंथियों के दबाव में आकर ब्लूम्सबरी ने एक बयान जारी कर पुस्तक को वापस लेने की घोषणा की।
22 अगस्त 2020 को इस किताब के वर्चुअल विमोचन के दौरान ब्लूम्सबरी यूके मुख्यालय से दबाव बनाया गया। जिसके बाद प्रकाशन समूह ने अचानक ही किताब प्रकाशित करने से मना कर दिया था। बाद में पुस्तक की लेखिका मोनिका अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने गरुड़ प्रकाशन के माध्यम से पुस्तक प्रकाशित करने का फैसला किया है। अब पुस्तक हिंदी में भी प्रकाशित हो रही है।
ब्लूम्सबरी पर इस किताब की मैनुस्क्रिप्ट (पांडुलिपि) लीक करने के आरोप भी लग रहे हैं। इस किताब की मैनुस्क्रिप्ट व्हाट्सएप पर वायरल हो रही है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया कि कैसे पूरी पुस्तक को अवैध रूप से जारी किया गया है। उनका कहना है कि इस तरह से पुस्तक को सोशल मीडिया पर सर्कुलेट नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि यह वही कॉपी है जो ब्लूम्सबरी के पास थी। मैनुस्क्रिप्ट का दूसरे पन्ने पर स्पष्ट रूप से लिखा है कि यह एक कॉपी है। इसे ब्लूम्सबरी द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है।