स्वीडन के मोल्मो शहर में हिंसा और आगजनी के अगले दिन शनिवार (30 अगस्त, 2020) को मुस्लिम कट्टरपंथियों ने नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में भी इस तरह दंगे को अंजाम दिया। स्टॉप इस्लामाइजेशन ऑफ नॉर्वे (SIAN) की रैली के प्रदर्शनकारियों से मुस्लिम भीड़ के टकराव के कारण यह हालात पैदा हुए।
रिपोर्ट के अनुसार, ओस्लो में शनिवार को संसद भवन के पास एक इस्लाम विरोधी रैली का आयोजन किया गया था। लेकिन, इन प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत इस रैली के जवाब में मुसलमानों के प्रदर्शन से हो गई।
SIAN की रैली के दौरान, मुस्लिम भीड़ ओस्लो की सड़कों पर जमा होकर ड्रम बजाने, गाने और नारे लगाने लगी। मुस्लिम भीड़ में शामिल कुछ लोग पुलिस वैन को लात मारते और गाड़ी के ऊपर चढ़ते हुए भी देखे गए।
मुस्लिम भीड़ द्वारा किए गए झड़प के बाद ओस्लो की सड़कों पर तनाव बढ़ गया। वहीं इस झड़प से नाराज SIAN की एक महिला सदस्य ने कुरान के पन्नों को फाड़ दिया और उन पर थूक दिया।
वहीं पुलिस ने स्थिति को बेकाबू होते देख मुस्लिम भीड़ और प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आँसू गैस और स्प्रे का इस्तेमाल किया। मुस्लिम भीड़ की हिंसा को मद्देनजर रखते हुए पुलिस ने पहले SIAN द्वारा आयोजित रैली को समाप्त कर उन्हें हाँ से खदेड़ा।
पुलिस ने इस मामले में बैरिकेड्स से कूदने की कोशिश करने वालों और SIAN के प्रदर्शन में बाधा डालने वाले कुछ नाबालिगों सहित लगभग 29 लोगों को गिरफ्तार किया। कथित तौर पर इन लोगों ने पत्थर और अंडे पुलिस पर फेंके थे।
नॉर्वे में विरोध-प्रदर्शन शुक्रवार को स्वीडिश शहर माल्मो में हुई एक ऐसी ही घटना के बाद में हुआ। वहाँ भी कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ ने स्वीडन के नागरिकों को निशाना बनाया था और माल्मो की सड़कों पर सरकार और वहाँ के लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया था।
गौरतलब है कि इससे पहले स्वीडन में ‘स्ट्राम कर्स’ समूह के लोगों द्वारा कुरान की कॉपी को जलाने के बाद अल्लाह हू अकबर के नारों के साथ मुस्लिम भीड़ ने वहाँ की सड़कों पर हिंसक दंगे को अंजाम दिया था। कथित तौर पर डेनमार्क एन्टी- इमीग्रेशन राजनीतिक दल के नेता रास्मुस पालुदान की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने कुरान को जला दिया था। इसके जवाब में कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने सड़कों पर उतर हिंसा की। दंगाइयों ने सड़क के किनारे खड़ी कई कारों के टायर में आग लगा दी। पुलिस पर भी पथराव किया।