साल 2008 के बाद आईपीएल ने कई सितारों को जन्म दिया, कुछ ने तो एक सीजन में धमाकेदार प्रदर्शन किया, लेकिन अगले ही सीजन में उम्मदों पर खरा उतरने में नाकाम रहे, इसलिये आईपीएल के इतिहास में लोगों ने कई खिलाड़ियों को देखा है, जो एक सीजन में कामयाब रहे, लेकिन अगले ही सीजन में लय बनाने में नाकाम रहे, कुछ सालों में ही गुमनामी में खो गये, ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में आपको बताते हैं।
साल 2011 में सीएसके के खिलाफ किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेलते हुए पॉल वल्थाटी ने विनिंग सेंचुरी लगाई थी, वो साल 2012 में पंजाब के लिये अहम खिलाड़ी थे, जहां वो पारी की शुरुआत करते थे और तेजी से रन बनाते थे, हालांकि 2012 के बाद उन्हें किसी आईपीएल फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा, उन्होने अपने आईपीएल करियर में 23 मैचों में 23 के औसत से 1 शतक और 1 अर्धशतक के साथ 505 रन बनाये थे।
ऑस्ट्रेलिया के बायें हाथ के तेज गेंदबाज डग बोलिंगर 2010 से 2012 के बीच चेन्नई सुपरकिंग्स टीम का हिस्सा थे, जहां उन्होने दो बार खिताबी जीत में बड़ी भूमिका निभाई, अपने आईपीएल करियर में उन्होने 27 मैचों में 18.72 के औसत से 37 विकेट हासिल किये, हैरानी की बात ये है कि गेंद के साथ शानदार रिकॉर्ड होने के बावजूद उन्हें 2013 में नजरअंदाज किया गया, फिर उनकी वापसी नहीं हो सकी।
केकेआर के पूर्व विकेटकीपर ने साल 2012 के फाइनल में सीएसके के खिलाफ 48 गेंदों 89 रनों की मैचजिताऊ पारी खेली थी, इस पारी के लिये उन्हें मैन ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया था, अगले सीजन में वो अपना फॉर्म बरकरार रखने में विफल रहे, फिर केकेआर ने उन्हें रिलीज कर दिया, साल 2015 में बिस्ला आरसीबी से जुड़े, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला, एक मैच के दौरान बिस्ला राहुल द्रविड़ से भिड़ गये, तब से वो ही इस लीग से बाहर हैं और वापसी की गुंजाइश भी नहीं दिख रही।
राहुल शर्मा
पंजाब के गुगली गेंदबाज राहुल शर्मा ने आईपीएल 2011 में पुणे वॉरियर्स के लिये प्रभावशाली गेंदबाजी की थी, उन्होने 14 मैचों में 5.46 की इकॉनमी रेट के साथ 16 विकेट लिये, राहुल मुंबई इंडियंस के खिलाफ अपने जादूई प्रदर्शन की वजह से सुर्खियों में आये थे, आईपीएल 2011 में अपने बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला, वो 4 वनडे और दो टी-20 खेल चुके हैं, हालांकि इसके बाद वो गुमनामी में चले गये।
स्वप्निल असनोदकर
आईपीएल के पहले सीजन में जहां ज्यादातर खिलाड़ियों ने सफलता के मंत्र का पता लगाने के लिये संघर्ष किया, वहीं गोवा के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज स्वप्निल असनोदकर ने अनुभवी ग्रीम स्मिथ के साथ धमाकेदार शुरुआत करते सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था, उन्होने 9 मैचों में 34.55 के औसत और 133.47 के स्ट्राइक रेट से कुल 311 रन बनाये थे, हालांकि असनोदकर अगले सीजन में फॉर्म बरकरार नहीं रख सके, वो 11 मैचों में सिर्फ 112 रन ही बना सके, जिसकी वजह से आईपीएल से बाहर हो गये।