लखनऊ। गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा पर चीनी सेना द्वारा दोबारा शुरू की गई खुराफात के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि अब चीन की कोई भी कंपनी उत्तर प्रदेश के किसी सरकारी प्रोजेक्ट में टेंडर नहीं डाल पाएँगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी विभागों से इस पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार की नजर उन जापानी, अमेरिकी और यूरोपिय कंपनियों पर है, जो अब चीन से बाहर निकलने की सोच रही हैं।
इस आदेश के अंतर्गत, सरकारी खरीद में कुछ निश्चित देशों के बिडर्स या कंपनियों के शामिल होने पर रोक के संबंध में सभी विभागों से आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया है। इस मामले में योगी सरकार की ओर से प्रदेश के सभी विभागों को एक पत्र भेजा गया है।
इस आदेश में पीपीपी यानी, पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप वाली परियोजनाएँ, राज्य द्वारा संचालित परियोजनाएँ, सार्वजनिक उपक्रम और निगमों के साथ ही स्थानीय निकायों की परियोजनाएँ और सरकारी खरीद भी शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले से निपटने के लिए अब प्रदेश सरकार एक सक्षम प्राधिकरण तैयार करेगी। इस प्राधिकरण के तहत संबंधित देशों की कंपनियों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पहले इन कंपनियों को रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से राजनीतिक सहमति के अलावा गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी।
गौरतलब है कि गत मई माह से ही चीन द्वारा गलवान घाटी में की जा रही घुसपैठ के चलते केंद्र सरकार भी कई बड़े चीनी प्रोजेक्ट्स को रद्द कर चुकी है। इसके अलावा भारत सरकार ने सुरक्षा और गोपनीयता का हवाला देते हुए कुछ ही दिन पहले 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया है, जिसमें PUBG भी शामिल है। इसके पहले चरण में भारत सरकार ने 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया था।