चीनी जासूस चार्ली पेंग के मोबाइल फोन की फोरेंसिक रिपोर्ट सामने आई है। इसमें एक बहुत बड़े लेन-देन की बात सामने आई है। ख़बरों के मुताबिक़ यह लेन-देन कारण 500 मिलियन डॉलर का है। 9 नवंबर 2019 को यह राशि फाय यूं जॉइन नाम के व्यक्ति को भेजी गई थी।अभी तक इस लेन-देन से संबंधित कुल 5 दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं।
बरामद किए गए इन दस्तावेज़ों में सबसे अहम बैंक गारंटी लेटर और बैंक ड्राफ्ट की कॉपी भी है। आयकर विभाग ने इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय बैंक की स्थानीय शाखा से कई सवाल भी पूछे थे। विभाग ने संबंधित बैंक को इन दस्तावेज़ों की पुष्टि करने के लिए कहा था और ड्राफ्ट से जुड़ी जानकारी भी माँगी थी।
चार्ली पेंग ने पूछताछ के दौरान इस संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं दिए हैं। उसके मुताबिक़ 500 मिलियन डॉलर की राशि सिंगल ट्रांजेक्शन में स्थानांतरित की गई थी। ख़बरों में बताया जा रहा है कि चार्ली पेंग ने इस लेन-देन से जुड़े सभी कागज़ात अपने मोबाइल फोन से हटा दिए थे। लेकिन जैसे ही आयकर विभाग ने फोन को फोरेंसिक जाँच के लिए भेजा पूरी बात सामने आई। इससे पता चला कि चार्ली पेंग ने 500 मिलियन डॉलर (लगभग 3500 करोड़ रूपए) एचएसबीसी बैंक के इंग्लैंड शाखा में भेजे थे।
इंग्लैंड स्थित एचएसबीसी बैंक ने इस मामले में आयकर विभाग को कोई भी जानकारी देने से साफ़ मना कर दिया है। बैंक की स्थानीय शाखा ने आयकर विभाग से यह कहा कि वह इस लेन-देन की जानकारी नहीं साझा कर सकते हैं। पूरे मामले पर दो ऐसे सबसे बड़े सवाल हैं जिनका अभी तक जवाब नहीं मिल पाया है। पहला इतने पैसे किसके थे? दूसरा इतनी बड़ी इतनी बड़ी रकम क्यों भेजी गई और यह कहाँ से आई थी? फाय यूं जॉइन नाम के जिस व्यक्ति को इतनी बड़ी राशि भेजी गई है, उसके बारे में भी अभी पता नहीं चल पाया है।
शुरुआती जाँच में पता चला है कि चार्ली पेंग ने दिल्ली में मजनू का टीला में कुछ लामाओं और अन्य व्यक्तियों को पैसे दिए थे। निगरानी से बचने के लिए, पेंग ने बातचीत करने के लिए चीनी एन्क्रिप्टेड एप्लिकेशन ‘वी चैट’ का इस्तेमाल करता था। भारत में रहकर हवाला रैकेट चला रहा चार्ली पेंग एक जासूसी नेटवर्क का भी हिस्सा था। उसने अन्य चीनी नागरिकों के साथ मिलकर चीनी शेल कंपनियों के नाम से बैंक खाते खोले और करीब 1000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की।