नई दिल्ली। लद्दाख में एलएसी पर भारत से सीमा तनाव के बीच चीन ने नेपाल से लेकर तिब्बत तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है । भारत के लिए ये रेल लाइन सामरिक दृष्टि से बहुत ही खतरनाक मानी जा रही है । BRI के तहत तैयार हो रही 72 किलोमीटर लंबी ये रेल लाइन तिब्बत से लेकर काठमांडू होकर लुंबिनी तक जाएगी । ये स्थानी भारतीय सीमा के बेहद करीब है, इसी वजह से चीन का ये कदम देश के बड़ा खतरा पैदा कर सकता है । .
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच नेपाल ने भी अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए है, पिछले दिनों ही नेपाल ने लिपुलेख में सेना की एक बड़ी टुकड़ी तैनात कर दी । अब खबर मिल रही है कि चीन की बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव योजना के तहत वो नेपाल से लेकर तिब्बत तक रेल लाइन बिछा रहा है, जिस पर तेजी से काम भी शुरू हो गया है । ये रेल लाइन जो भारतीय सीमा के बेहद करीब से होकर गुजरती है ।
मिली जानकारी के अनुसार भारत के साथ तनाव बढ़ता देख, इस काम में तेजी लाई गई है । इतना ही नहीं चीन की ओर से इस रेलवे सौदे में अब और ज्यादा निवेश करने का फैसला किया गया है । यहां आपको बता दें कि BRI के तहत चीन न्यू सिल्क रोड प्लान पर काम कर रहा है, इसके तहत उसने कई देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सौदे किए हैं । पाकिस्तान के साथ बन रहा इकॉनोमिक कॉरिडोर यानी कि CPEC भी उसके न्यू सिल्क रोड प्लान का ही हिस्सा है ।
चीन ने तिब्बत के मूलभूत सुधार में करीब 146 अरब डॉलर निवेश करने की योजना तैयार की है । ये निवेश पहले से जारी प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने के साथ ही कुछ नए प्रॉजेक्ट्स को शुरू करने में भी किया जाएगा । लंबे समय से लटके हुए नेपाल से तिब्बत के बीच रेल लिंक को अब तेजी से पूरा करना चीन की प्राथमिकता नजर आ रही है । खबरों के अनुसार चीन तिब्बत-नेपाल के बीच काठमांडू और तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगात्से को जोड़ने वाली रेलवे लाइन पर भी जोर दे रहा है ।
भारत के लिए खतरा
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसर BRI के तहत बन रहे प्रोजेक्ट्स भारत के लिए पहले से ही खतरा बने हुए है, लेकिन ये नेपाल टू तिब्बत का रेल कॉरिडोर सामरिक दृष्टि से काफी खतरनाक माना जा रहा है । BRI के तहत बन रही ये 72 किमी रेलवे लाइन तिब्बत से काठमांडू होकर लुंबिनी तक जाएगी, ये स्थान भारतीय सीमा के करीब है । यहां नेपाल चीन और भारत के बीच का बफर जोन भी है, जिसे भारत अपना नेचुरल कंपेनियन मानता है । लेकिन चीन इस प्रोजेक्ट के जरिए वहां अपनी पैठ बढ़ाना चाहता है । एक रिपोर्ट के मुताबिक BRI और अन्य निवेश के जरिए चीन की मंशा भारत के चारों तरफ मौजूद देशों में सैन्य अड्डे बनाने की है ।