नई दिल्ली। दिल्ली हिंदू विरोधी दंगे के दौरान शिव विहार में राहुल सोलंकी की हत्या मामले में मुस्तकीम उर्फ समीर सैफी ने कथित तौर पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने अपना जुर्म को स्वीकर कर लिया है। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसे 6 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनित मित्तल ने बताया, “हिंसा के समय की वीडियो फुटेज देखते हुए एक शख्स पर नजर गई, जो सोलंकी को गोली मार रहा था। 3 सितंबर को हमें सूचना मिली कि सैफी मिल गया है।” उन्होंने बताया कि खूफिया सूचना के आधार पर युवक भजनपुरा से पकड़ा गया है। सीसीटीवी में दिखे शख्स का पूरा विवरण हमलावर से मेल खाता था।
अनित मित्तल ने बताया कि शुरुआत में सैफी ने मर्डर में अपना हाथ होने से मना किया। लेकिन उसे जब सबूत दिखाए गए तो उसने इस बात को स्वीकार कर लिया कि उसने ही सोलंकी पर गोली चलाई थी।
दिल्ली पुलिस ने उसके पास से देशी पिस्टल भी बरामद की है। मौजूदा जानकारी के अनुसार, मुस्तकीम पेशे से कारपेंटर (बढ़ई) है। उसके ऊपर 1 लाख का इनाम भी था। उसके पास से पुलिस ने मोबाइल फोन, एक जोड़ी जींस, जूते और साथ में वो हेलमेट भी जब्त किया है, जिसे उसने सोलंकी को गोली मारने के समय पहना था।
इससे पहले इस केस में आईपीसी की धारा 34, 120बी, 147, 148, 149, 302, 436 और 427 के तहत मामला दयालपुर थाने में दर्ज हुआ था। इसके बाद ही यह केस दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हुआ। मुस्तकीम से पहले एसआईटी ने आरिफ, अनस, सिराजुद्दीन, सलमान, इरशाद और सोनू सैफी को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि राहुल सोलंकी की फरवरी में दिल्ली के शिव विहार में हिंदू विरोधी दंगों के दौरान संप्रदाय विशेष की भीड़ ने हत्या कर दी थी। जून में, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 27 वर्षीय राहुल सोलंकी की हत्या मामले में आरोप-पत्र दायर किया था।
आरोप-पत्र में कहा गया था कि 24 फरवरी को शाम 5 बजे के आसपास शिव विहार के पास हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान सोलंकी की दयालपुर इलाके में उनके घर के पास हत्या कर दी गई थी।
शिव विहार निवासी राहुल सोलंकी गाजियाबाद के एक निजी कॉलेज से एलएलबी कर रहे थे। वह दूध लेने के लिए अपने घर से निकले थे, तभी दंगाइयों ने उनके गले के पास दाहिने कंधे में गोली मार दी थी। जिस समय दंगाइयों ने सोलंकी की गोली मारकर हत्या कर दी, उस समय वह राजधानी स्कूल से सटे पाल डेयरी गली के पास खड़े थे।
इससे पहले, आरोपितों में से एक, सलमान ने पुलिस को बताया था कि वह राहुल को अच्छी तरह से जानता था क्योंकि राहुल का भाई रोहित उसके ग्रुप के साथ क्रिकेट खेलता था। सलमान ने पुलिस से कहा था कि वह हिंसक भीड़ में शामिल हो गया और दिल्ली की सड़कों पर ‘इस्लाम को बचाने के लिए’ आतंक फैलाया।