हाल ही में अपनी ही सरकार और पार्टी से बगावत कर देशभर में चर्चित होने वाले राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट आज अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं, कभी पायलट अपनी मोहब्बत के लिये भी परिवार से बागी हुए थे, उन्होने अपने प्यार को पाने के लिये राजनीतिक ओहदे की भी परवाह नहीं की थी, मजहबी दीवार तोड़ते हुए एक मुस्लिम लड़की से शादी की, आइये उनके जन्मदिन के खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, उनकी दिलचस्प लव स्टोरी, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से साल 2004 में शादी थी, दोनों की मोहब्बत में कई तरह की अड़चनें आई थी, लेकिन दोनों ने तमाम विरोध को झेलते हुए शादी का फैसला लिया, हालांकि शादी की वजह से अब्दुल्ला परिवार नाराज हो गया था, काफी दिनों तक सारा का अपने मायके वालों से कोई नाता नहीं रहा था।
सचिन और सारा दोनों ही राजनीतिक परिवार से नाता रखते हैं, सचिन के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार थे, वहीं सारा के पिता फारुख अब्दुल्ला और भाई उमर अब्दुला जम्मू-कश्मीर की सियासत में खासा दखल रखते हैं, अमेरिका में पढाई के दौरान सचिन और सारा एक-दूसरे से मिले, यहीं दोनों के बीच प्यार के बीज पड़े थे,स हालांकि जब इनकी मोहब्बत की जानकारी घर वालों तक पहुंची, तो दोनों परिवारों में विरोध हुआ। मामला हिंदू-मुसलमान का था, इसलिये दोनों परिवार शादी के लिये राजी नहीं थे, दोनों ने अपने-अपने बच्चों को समझाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन दोनों नहीं माने।
सचिन ने किसी तरह अपने घर वालों को राजी कर लिया, लेकिन सारा के घर वाले नहीं माने, जिसके बाद सारा अब्दुल्ला ने घर वालों की इच्छा के खिलाफ जाकर 2004 में सचिन से शादी की, जिसके बाद इस शादी में सारा की तरफ से कोई भी शामिल नहीं हुआ, शादी के समय सारा के पिता लंदन में तो भाई उमर इलाज के लिये दिल्ली के बत्रा अस्पताल में भर्ती थे, हालांकि सचिन की मां और दौसा से कांग्रेस कांग्रेस रमा पायलट मौजूद थी, ये शादी दिल्ली में उन्हीं के बंगले पर हुई थी।
स्वीकार कर लिया
हालांकि वक्त के साथ सारा के परिवार ने भी सचिन को दामाद के रुप में स्वीकार कर लिया, यूपीए सरकार में जब सचिन केन्द्रीय मंत्री बने, तो फारुख अब्दुल्ला ने उन्हें पूरी दुनिया के सामने दामाद के रुप में स्वीकार किया। हालांकि एक दौर ऐसा भी था, जब सचिन ने कहा था कि वो राजनीति में नहीं आएंगे, शादी के बाद वो नौकरी कर रहे थे, लेकिन फिर पिता राजेश पायलट के अचानक निधन के बाद उन्हें राजनीति में उतरना पड़ा।