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पंचर बनाने वाले, सिलाई करने वाले कैसे महँगे कपड़े पहनकर हिंदू लड़कियों को बनाते हैं लव जिहाद का शिकार?

लखनऊ। देशभर में लव जिहाद के तमाम किस्से होने के बावजूद वामपंथियों का ऐसा मानना रहा है कि इसकी संकल्पना दक्षिणपंथियों ने तैयार की है, वास्तविकता में इसका समाज से कोई लेना देना नहीं है। अब हालाँकि उनकी यह सोच कितनी गलत है इसे पुराने उदाहरणों से न समझकर एकदम ताजा केसों पर बात करते हैं।

पिछले दिनों हमने देखा कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके खासकर कानपुर में लव जिहाद के तमाम मामले उजागर हुए। चाहे फिर वह जूही कालोनी की शालिनी यादव का हो या लखीमपुर खेरी की वह 18 वर्षीय दलित जिसके शव को काट कर किसी दिलशाद ने तालाब में फेंक दिया था। इसके बाद पंकी मामला जहाँ मोहसिन और आमिर को मुस्कान केस में गिरफ्तार किया था और फिर गोविंद नगर का केस जहाँ ‘काला जादू करके’ लड़की का ब्रेनवॉश किया और उसका धर्मपरिवर्तन कराया गया। ये सभी मामले कानपुर से आने के बाद इन मामले में एसआईटी की टीम अब वहाँ लव जिहाद मामले की जाँच में जुटी है।

हालाँकि, देखने वाली बात ये है कि ऐसे केस जब भी सामने आते हैं तो एक बहुत ही तय पैटर्न देखने को मिलता है। जैसे, इन मामलों में प्रायः, संप्रदाय विशेष का युवक का परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होता, वो या तो बेरोजगार होता है या फिर छोटे-मोटे काम करके अपना पेट पालता है। लेकिन, सोचने वाली बात ये है कि जब उन लोगों को हिंदू लड़कियों को फँसाना होता है तो अचानक खुद को मेंटेन रखने के लिए इन पर पैसे आ जाते हैं। वह महँगे कपड़े पहनते हैं, महँगे तोहफे खरीदते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात जब वह पकड़े जाते हैं तो कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें अव्वल दर्जे की कानूनी मदद भी मिलती है।

इन सबको देखते हुए सवाल तो उठता है कि आखिर हिंदू लड़कियों से प्रेम के दौरान खुद को सजाने के लिए उनके पास पैसा कहाँ से आता है? शालिनी यादव के केस में उसके भाई ने पूछा था कि फैजल बेरोजगार है, और उसके पिता फर्नीचर डीलर हैं, तो उसके पास आखिर शालिनी को पहले कानपुर से दिल्ली और दिल्ली से प्रयागराज ले जाने के पैसे कहाँ से आए? किसने उसे फंड दिया? आखिर कैसे उसका केस वरिष्ठ वकील न केवल दिल्ली हाईकोर्ट में लड़ रहे हैं, बल्कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी लड़ रहे हैं?

रिपोर्ट बताती है कि पंकी केस में भी यही हुआ था। मोहसिन खान और आमिर गरीब परिवार से थे, फिर भी उन्हें छुड़ाने के लिए पैसा पानी की तरह बहाया गया। लड़की के पिता का कहना था कि इंसाफ की गुहार लिए जब वह कोर्ट गए तो 100 से ज्यादा युवक आरोपितों के समर्थन में खड़े थे।

ऑपइंडिया की बजरंग दल की राष्ट्रीय महिला परिषद मुखिया निधि अवस्थी से बातचीत

लव जिहाद के इसी पैटर्न को गहराई से समझने के लिए हम ने बजरंग दल की राष्ट्रीय महिला परिषद मुखिया निधि अवस्थी से बात की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के पश्चिम में इस तरह के अपराध जो सामने आए हैं वो किसी एक का काम नहीं हो सकते। ये संगठित अपराध है। इसमें इन्हें आर्थिक व अन्य जरूरी सामान इस्लामिक संस्थान मुहैया करवाते हैं। वे कहती हैं कि इस्लामी कट्टरपंथी जो ऐसी संस्थाओं को संचालित करते हैं उनका उद्देश्य ही कई हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाना होता है। इसलिए, वह इसके लिए इसी समुदाय के ऐसे नौजवानों को नियुक्त करते है, जो दिखने में अच्छे हो और बातचीत भी सही से करना जानते हैं। इसके अलावा जो थोड़े गरीब घर के होते हैं, उन्हें हिंदू लड़कियों के फँसाने और ब्रेनवॉश की तकनीक सिखाई जाती है।

लव जिहाद के ख़िलाफ़ आवाज उठाते बजरंग दल कार्यकर्ता

निधि अवस्थी के अनुसार, हिंदू लड़कियों की जाति से तय होता है समुदाय विशेष के लड़कों को कितना पैसा मिलेगा। अगर लड़की ब्राह्मण या ठाकुर है तो उन्हें 5 लाख मिलते हैं। लड़की यादव या गुप्ता होती है तो उसका रेट 3 लाख होता है। लड़की एससी/एसटी हो तो उसे 2-2.5 लाख रुपए मिलते हैं। बजरंग दल की राष्ट्रीय महिला परिषद की मानें तो कानपुर में लव जिहाद का शिकार होने वाली अधिकांश लड़कियाँ कानपुर की हैं।

उनका कहना है कि इन मंसूबों को कामयाब बनाने में सोशल मीडिया की मुख्य भूमिका होती है। चूँकि वहाँ किसी की आर्थिक स्थिति पहचान पाना बेहद मुश्किल होता है तो ये लड़के वहाँ तस्वीरें डालते हैं और हिंदू लड़कियाँ आकर्षित होकर उनसे मिलने चली जाती हैं। इन लड़कों को प्रशिक्षित किया जाता है कि कैसे लड़की को प्रभावित करना है। ये लड़की से बात करते हुए उसकी कमजोरी जानते हैं फिर उसी के हिसाब से उसे जाल में फँसाते हैं।

गौरतलब है कि कानपुर में एक के बाद एक करके लव जिहाद के 9 केस सामने आने के कारण अब इस मामले पर एसआईटी जाँच कर रही है। उन्होंने कानपुर में पीएफआई और सिमी जैसे कट्टरपंथी संगठनों को भी प्रतिबंध कर दिया है। कुछ रिपोर्ट्स में आशंका जाहिर की गई है कि हो सकता है इन केसों के पीछे पाकिस्तान का हाथ हो। एसआईटी टीम का नेतृत्व करने वाले एसपी दीपर भूकर ने टीम को निर्देश दिया है कि वह ऐसे संगठनों के बारे में व आरोपितों के मोबाइल नंबरों के बारे में जानकारी एकत्र करें। वहीं बजरंग दल भी बड़ी सक्रियता से इस विषय पर काम कर रहा है। बलरंग दल के राज्य सचिव रामजी तिवारी का भी दावा है कि राष्ट्र विरोधी ताकतें ऐसे संगठनों की मददगार हैं।

बजरंग दल के राज्य सचिव रामजी तिवारी कानपुर में लव जिहाद पर प्रदर्शन करते हुए

उनका कहना है कि लव जिहाद देश भर में व्यापक स्तर पर हो रहा है। ये राष्ट्र को सिविल वॉर की ओर धकेलने का एक प्रयास है। यह कट्टरपंथी हिंदुओं के प्रति नफरत फैलाना चाहते हैं। ये लगातार कोशिशें करते हैं कि भारत की सभ्यता को कलंकित करें। बजरंग दल के राज्य सचिव इसे संगठित साजिश करार देते हैं। वह कहते हैं कि इस्लामिक संगठन ऐसे लोगों को फंड व साज सज्जा का सामान देता है और बदले में ये लोग उनके कट्टरपंथी एजेंडा चलाने में उनकी मदद करते हैं।

गौरतलब है कि लव जिहाद मामले में कई बार सामूहिक रूप से किए गए अध्य्यन में पाया गया कि समुदाय विशेष के युवक सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर हिंदू लड़कियों को फँसाते हैं। वह पहले हिंदुओं की तरह वेशभूषा धारण करते हैं फिर उनसे रिश्ता बनाकर शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं। कई बार इस अपराध की वीडियो बना ली जाती है। बाद में रिकॉर्डिंग दिखा कर या तो उनका धर्म परिवर्तन हो जाता है या फिर निकाह।

ऐसे अधिकतर रिश्ते शरीया कानून के हिसाब से ही चलते हैं जहाँ लड़की का धर्म परिवर्तन अनिवार्य बताया जाता है। ये लड़कियाँ अधिकांश 15-20 साल की होती हैं। जब निकाह के बाद इन लड़कियों के परिवार इन्हें छोड़ देते हैं तब इन्हें ऐसे बंधन में बाँध कर रखा जाता है जहाँ औरत को कोई अधिकार नहीं होते। जब वह आवाज उठाती हैं तो उन्हें कई बार प्रताड़ित किया जाता है और खई बार जान से मार दिया जाता है।

साथ ही, ऐसे कई मामलों में यह भी देखा गया है कि लड़कियों का सामूहिक शारीरिक शोषण से ले कर, अपने दोस्तों, भाई, पिता आदि से बलात्कार तक करवाते हैं। जब ऐसे मामले सामने आते हैं तो पता चलता है कि लक्ष्य प्रेम का नहीं, बल्कि हिन्दू लड़कियों और उनके परिवारों को समाज में नीचा दिखाना और परिवारों को तबाह करना होता है।

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