कर्नाटक के मांड्या जिले के प्रसिद्ध अरकेश्वर मंदिर के 3 पुजारियों की गुरुवार (सितंबर 10, 2020) को बेरहमी से हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम उस समय दिया गया जब पुजारी मंदिर परिसर में सो रहे थे। पुजारियों को मौत के घाट उतारने के लिए धारदार हथियार के अलावा पत्थर का इस्तेमाल किया गया। बताया जा रहा है कि ये काम चोरी करने वाली गैंग का है।
पुलिस का कहना है कि मंड्या शहर के बाहरी इलाके गुट्टलु (Guttalu) में स्थित मंदिर के भीतर खून से लथपथ हालत में गणेश (55), प्रकाश (58) और आनंद (40) का शव मिला। तीनों पुजारियों को बेहरमी से मारा गया था। इनके सिर पत्थर से कुचले गए थे और मंदिर की दान पेटी से सारे रुपए गायब थे। जाँच में केवल दानपेटी से कुछ सिक्के ही मिले हैं। इसके अलावा उपद्रवियों ने कीमती सामान की तलाश में मंदिर के गर्भगृह में तोड़फोड़ भी की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये तीनों पुजारी मंदिर की देखभाल करते थे। शुक्रवार को जब ग्रामीणों ने मंदिर का दरवाजा टूटा हुआ पाया, तब उन्होंने मामला जानने के लिए अंदर जाकर देखा और वहाँ उन्हें खून से लथपथ पुजारियों के शव मिले। इसके बाद उन लोगों ने पुलिस को सूचित किया।
मामले की जानकारी होते ही आईजी समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुँचे और पड़ताल शुरू की। फोरेंसिक टीम से लेकर स्निफर डॉग्स तक को क्राइम सीन के पास लाया गया।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में साधु, संतों और पुजारियों पर हमले की घटनाओं में अचानक वृद्धि देखने को मिली है। अप्रैल में सबसे पहले पालघर में दो साधुओं की लिंचिंग का मामला सामने आया था। इसके बाद महाराष्ट्र के नांदेड़ में लिंगायत समाज के साधु की हत्या हुई थी। कुछ दिनों बाद वृंदावन में साधु तमालदास के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। बिहार में भी कजरा थाना क्षेत्र के शृंगी ऋषि धाम के पुजारी नीरज झा की हत्या कर उनके शव को जंगल स्थित हनुमान थान के समीप फेंक दिया गया था। इनके अलावा यूपी के सुल्तानपुर, संभल में भी इसी तरह के हमले देखने को मिले थे।