नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण को लेकर एक हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक अभी तक संक्रमण की जो तस्वीर हमारे सामने है, सच्चाई उससे कहीं बहुत अधिक भयावह है। आंकड़ों में संक्रमितों का आंकड़ा भले ही अभी लगभग 45 लाख नजर आ रहा है, वास्तव में यह संख्या इससे कई गुना अधिक है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की तरफ से कराए गए सीरो सर्वे के मुताबिक मई के शुरू में ही देशभर में संक्रमितों की संख्या 64 लाख को पार कर गई थी, जबकि उस समय मरीजों का आधिकारिक आंकड़ा एक लाख से भी कम था। उस समय एक पॉजिटिव व्यक्ति से कोरोना का वायरस 82 से 130 लोगों में पहुंच रहा था।
सर्वे में देश की आबादी के 0.73 फीसद लोगों में पाए गए एंटीबॉडी
अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद तेजी से बढ़ा संक्रमण
जाहिर, 25 मार्च से लागू किया पूर्ण लॉकडाउन कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा था, लेकिन दिल्ली में 27 जून से पांच जुलाई के बीच कराए गए सीरो सर्वे में लगभग 24 फीसद लोगों को संक्रमित पाया गया था। यानी अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद संक्रमण में तेजी से बढ़ोतरी हुई।
11 मई से चार जून के बीच हुआ सर्वे, 70 जिलों से लिए गए 28 हजार सैंपल
आइसीएमआर ने सीरो सर्वे के लिए देश के सभी 736 जिलों को नगण्य, निम्न, मध्यम और उच्च संक्रमण के हिसाब से चार श्रेणियों में बांटा था। इनमें से कुल 70 जिलों को सैंपल लेने के लिए चुना गया। इसमें शहरी और ग्रामीण के साथ-साथ स्लम और अन्य समूहों का ध्यान रखा गया। सभी जिलों से 400-400 सैंपल एकत्र किए गए। इस तरह कुल 28 हजार सैंपल की जांच की गई। कुल सैंपल में 48.5 फीसद 18 से 45 साल के उम्र के लोग थे। इसी तरह 51.5 फीसद महिलाएं थीं।
ग्रीन जोन वाले जिलों में भी 0.18 से 0.27 फीसद थी संक्रमण की दर
इस सर्वे में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण के एक भी मामले नहीं मिले थे यानी जो जिले ग्रीन जोन में थे, वहां भी बड़ी संख्या में लोगों के शरीर में एंटीबॉडी मिले। इन जिलों में संक्रमण की दर 0.18 से लेकर 0.27 फीसद तक पाई गई। इस बारे में कहा गया है कि जिलों का वर्गीकरण 25 अप्रैल को किया गया। जब तक सैंपल लिए गए तब तक इनमें से कई जिलों में कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके थे। इसके अलावा टेस्टिंग की सुविधा नहीं होने के कारण इन जिलों में जांच नहीं हो रही थी।
देश में कोरोना से मृत्यु दर दो फीसद से भी कम
सर्वे में देश में कोरोना के कारण होने वाली मौत के आंकड़ों पर सवालिया निशान लगाया गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना से मृत्यु दर दो फीसद से भी कम है। सर्वे में कहा गया है कि कम मृत्यु दर की एक बड़ी वजह सही तरीके से मौत के आंकड़ों की रिपोर्टिग नहीं होना है। देश के जिस हिस्से में सही तरीके से आंकड़े एकत्र किए गए हैं, वहां मृत्यु दर दुनिया के अन्य देशों के समान ही है।