Thursday , April 25 2024

अयोध्या: राम मंदिर के लिए विदेश से भेज सकेंगे चंदा, ट्रस्ट ने FCRA के लिए किया आवेदन

लखनऊ। विदेशों में रहने वाले राम भक्तों को जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अब ट्रस्ट की ओर से फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के लिए आवेदन दिया गया है. इसकी मंजूरी मिलने के बाद विदेश में रहने वाले लोग भी राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दे पाएंगे. ट्रस्ट के गठन के बाद से ही इसकी मांग की जा रही थी. 

दरअसल, अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए विदेशों में बसे रामभक्तों की तरफ से आर्थिक सहयोग देने की होड़ लगी हुई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कार्यालय में विदेशों से चंदा देने के लिए रोजाना आ रहे फोन के मद्देनजर अब गृह मंत्रालय से फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत इजाजत लेने के लिए आवेदन किया है.

दान देने का सिलसिला तेज

यह अनुमति मिलते ही लाखों की तादाद में विदेशों में रह रहे भारतीय भी राममंदिर के लिए चंदा दे सकेंगे. अयोध्या में भूमिपूजन के बाद से मंदिर निर्माण के लिए दान देने का सिलसिला तेज है. आपको बता दें कि अभी चंदा देनेवाले लोग चेक, मनी ऑर्डर, ऑनलाइन ट्रांसफर, नकदी समेत आभूषण, चांदी की ईंटें आदि के जरिये चंदा भेज रहे हैं.

ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार राम मंदिर के लिए 70 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अकाउंट में जमा हो चुका है. सबसे ज्यादा चंदा ट्रस्ट के एसबीआई खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर के द्वारा आया है. राममंदिर ट्रस्ट के कार्यालय में भी हर दिन करीब 20 से 30 हजार की नगदी आ रही है.

इसके अलावा प्रतिदिन कई चेक भी आ रहे हैं, जिन्हें ट्रस्ट के बैंक अकाउंट में जमा कराया जाता है. अभी तक मुश्किल ये है कि जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को विदेश में रहने वाले एनआरआई की ओर से चंदा देने के लिए खूब फोन आ रहे हैं, लेकिन ट्रस्ट अभी विदेशी चंदा लेने के लिए अधिकृत नहीं है. अब ट्रस्ट ने विदेशी चंदे के लिए गृह मंत्रालय से फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत इजाजत लेने के लिए आवेदन किया है.

ट्रस्ट एनआरआई से चंदा हासिल करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक में एक एनआरआई अकाउंट भी खुलवाने जा रहा है. कानून के तहत भारत में जब कोई व्यक्ति या संस्था, एनजीओ विदेश से चंदा लेती है तो उसे फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) यानी विदेशी सहयोग विनियमन अधिनियम के नियमों का पालन करना होता है. पहले एफसीआरए 1976 को लागू किया गया था, लेकिन साल 2010 में नया फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट-2010 आ गया, जिसे 1 मई 2011 से लागू किया गया है.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch