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राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत 203 लोगों पर FIR दर्ज, हाथरस जाने पर अड़े थे कांग्रेसी नेता

हाथरस/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की हाथरस की घटना को लेकर गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में दिनभर चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद नोएडा पुलिस ने कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पीएल पुनिया और सचिन पायलट समेत 153 कांग्रेसियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। 50 अज्ञात लोग भी एफआईआर में शामिल हैं। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी हैं।

जानकारी के मुताबिक, गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने राहुल गांधी और मौजूदा राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी समेत 203 कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक वन पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई गई है।

पुलिस कमिश्नरेट से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मुकदमा आईपीसी की धारा 188 (निषेधाज्ञा यानि सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन), 270 (संक्रामक बीमारी के दौरान आम जनमानस के जीवन को संकट में डालना) और संक्रामक रोग रोकथाम अधिनियम-1869 की धारा 4 ( प्राधिकृत अधिकारी की ओर से जारी किए गए आदेशों की अवहेलना) के तहत दर्ज किया गया है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अजय सिंह उर्फ लल्लू, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पीएल पुनिया, सचिन पायलट, गौतमबुद्ध नगर कांग्रेस के अध्यक्ष अजय चौधरी, नोएडा महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष शहाबुद्दीन, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुड्डू और जितिन प्रसाद समेत 153 कांग्रेसियों को नामजद किया गया है। 50 अज्ञात लोगों को भी एफआईआर में शामिल किया गया है।

पैदल हाथरस जाने पर अड़े थे राहुल

दरअसल,  हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मुलाकात के लिए हाथरस जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफिले को पुलिस ने ग्रेटर नोएडा जीरो प्वॉइंट पर रोक दिया था। इसके बाद राहुल और प्रियंका कड़े सुरक्षा घेरे में अब पैदल ही हाथरस के लिए निकल पड़े थे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे पर उन्हें हिरासत में ले लिया। इससे नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध-प्रदर्शन करने के बाद पुलिस द्वारा उन पर लाठीचार्ज भी किया गया।

पुलिस राहुल, प्रियंका और अन्य वरिष्ठ नेताओं को पुलिस जीप में एक गेस्ट हाउस में ले गई और फिर उन्हें छोड़ दिया गया। इसके बाद वे पुलिस के सुरक्षा घेरे में वापस दिल्ली रवाना हो गए।

इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से कुछ तस्वीरें जारी कर दावा किया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने राहुल गांधी को रोकने के लिए उनके साथ धक्का-मुक्की की जिस कारण वो जमीन पर गिर गए थे। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में जंगलराज का यह आलम है कि शोक में डूबे एक परिवार से मिलना भी सरकार को डरा देता है।

वहीं, प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि उन्हें और राहुल गांधी को हाथरस जाने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं, लेकिन अहंकारी सरकार की लाठियां उन्हें रोक नहीं सकतीं। उन्होंने ट्वीट किया, ”हाथरस जाने से हमें रोका। राहुल जी के साथ हम सब पैदल निकले तो बार-बार हमें रोका गया, बर्बर ढंग से लाठियां चलाईं। कई कार्यकर्ता घायल हैं। मगर हमारा इरादा पक्का है। एक अहंकारी सरकार की लाठियां हमें रोक नहीं सकतीं। काश, यही लाठियां, यही पुलिस हाथरस की दलित बेटी की रक्षा में खड़ी होती।

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रियंका ने कहा कि यूपी में आज हाथरस से लेकर बलरामपुर तक कहीं भी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। सभी जगह लड़कियों पर अत्याचार हो रहा है और इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार को लेनी ही होगी।

उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व के रखवाले बनने का दावा करने वाले योगी आदित्यनाथ ने किस हक से एक पिता को अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करने से रोका है। प्रियंका ने कहा कि मैं भी एक महिला हूं और 18 साल की बेटी की मां हूं, इसलिए हाथरस की मां के दर्द को मैं अच्छी तरह समझ सकती हूं। उन्होंने कहा कि हम हाथरस में घूमने नहीं, बल्कि पीड़ित परिवार को सांत्वना देने जा रहे हैं और इसके लिए उन्हें किसी की इजाजत लेने जरूरत नहीं है।

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