Saturday , April 20 2024

‘वर्दी में झूठ बोला परमबीर सिंह ने, राष्ट्रवादी से पंगा लिया’: रिपब्लिक TV के प्रदीप भंडारी ने माँगा मुंबई पुलिस कमिश्नर का इस्तीफा

अर्नब गोस्वामी के बाद अब रिपब्लिक टीवी के कंसल्टिंग एडिटर और पत्रकार प्रदीप भंडारी ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को निशाने पर लिया है। प्रदीप भंडारी ने पुलिस कमिश्नर को उनके राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम करने और पुलिस की वर्दी का सम्मान नहीं करने के लिए फटकार लगाई और उनका इस्तीफा माँगा है। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास में, उनके खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत आरोप दायर करने की योजना बना रही है।

बता दें कि 8 अक्टूवर को आयोजित की गई प्रेस वार्ता में मुंबई पुलिस कमीश्नर ने रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी पर कई गम्भीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि चैनल ने टीआरपी से जुड़ी जानकारी में बदलाव करने के लिए आम लोगों को रुपए दिए थे और उनसे कहा गया था कि वह चैनल लगा कर अपना टीवी चालू रखें। हालाँकि, देर रात तक यह बात भी सामने आ गई कि एफ़आईआर में कहीं भी रिपब्लिक टीवी का ज़िक्र नहीं था, बल्कि उसमें समाचार चैनल ‘इंडिया टुडे’ का नाम शामिल था।

रिपब्लिक टीवी पर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए ‘फर्जी टीआरपी बटोरने’ का आरोप को अर्नब गोस्वामी ने सिरे से खारिज करते हुए उन्हें बेनकाब कर दिया था। साथ ही रिपब्लिक टीवी ने बताया कि उन्होंने ‘हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड’ के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन दियोकर द्वारा फाइल की गई एफआईर एक्सेस की। इससे उन्हें पता चला कि एफआईआर में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं है, बल्कि इंडिया टुडे का नाम है। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने खुद यह बात स्वीकारी थी कि असल एफ़आईआर में इंडिया टुडे का ज़िक्र है।

इंडिया टुडे के खिलाफ निष्क्रियता पर प्रदीप भंडारी ने उठाए सवाल

प्रदीप भंडारी का ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें प्रदीप भंडारी कह रहे हैं, “परमबीर सिंह, आपको इस्तीफा देने की आवश्यकता है। इंडिया टुडे का नाम 6 बार एफआईआर में आ चुका है, लेकिन फिर भी आपने एक भी बार कार्रवाई नहीं की। घबराहट किस बात की है? डर किस बात का है? दिक्कत क्या है? क्या आपकी आपसी साँठ-गाँठ है इंडिया टुडे के साथ? एंकर कहाँ छिप रहे हैं, जो पत्रकारिता का मुखौटा पहनते हैं और दरवाजे के पीछे टीआरपी घोटाले को अंजाम देते हैं? ये मैं सवाल पूछना चाहता हूँ।”

भंडारी ने आगे कहा, “प्रमुख गवाह ने माना है कि इस घोटाले के पीछे इंडिया टुडे था। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? घबराहट किस बात की है परमबीर सिंह? क्या आप अपनी वर्दी का सम्मान नहीं करते हैं?”

प्रदीप भंडारी ने यह भी बताया कि कैसे BARC ने अपनी जाँच में पाया कि इंडिया टुडे टीआरपी धाँधली में शामिल था और उस पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया था। रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टर भंडारी ने जोर देते हुए कहा, “कार्रवाई करें परमबीर सिंह। अपनी वर्दी के लिए कुछ सम्मान दिखाएँ।”

प्रदीप भंडारी ने मुंबई पुलिस की गिरफ्तारी की योजना के मद्देनजर सूचित किया कि वह कल अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से इस्तीफा माँगता रहूँगा जिन्होंने वर्दी में झूठ बोला। फर्जी सेक्शन्स मुझे लड़ने से रोक नहीं सकता।”

‘आप एक राष्ट्रवादी चैनल से हार जाएँगे’

प्रदीप भंडारी ने बताया कि BARC द्वारा गठित जस्टिस मुद्गल कमिटी ने भी इंडिया टुडे को TRP में हेरफेर का दोषी पाया था। वो कहते हैं, “परमबीर सिंह, आपने रिपब्लिक टीवी नेटवर्क और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ साजिश रचना चाहते हैं। लेकिन, हम आपकी इस साजिश को चकनाचूर करने वाले हैं, क्योंकि हमारे तथ्य है, सच है। इसीलिए रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क सुप्रीम कोर्ट के पास जा रहा है और अर्नब गोस्वामी आप पर कानूनी तौर पर मुकदमा भी करेंगे।”

भंडारी आगे कहते हैं, “आप एक चीज समझ लीजिए परमबीर सिंह, आपने किसी छोटे-मोटे चैनल के साथ नहीं बल्कि एक राष्ट्रवादी चैनल और एक राष्ट्रवादी रिपोर्टर के साथ पंगा लिया है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब भी कोई राष्ट्रवादी समाचार चैनल को झूठा फँसाना चाहता है, तो उसकी हार अवश्य होती है।”

अर्नब गोस्वामी ने इंडिया टुडे-मुंबई पुलिस की साँठगाँठ पर लगाई फटकार

इससे पहले, रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने बताया कि टीआरपी घोटाले में दायर एफआईआर में इंडिया टुडे का 6 बार स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। हालाँकि, मुंबई पुलिस कमिश्नर ने उसे क्लीन चिट देते हुए कहा कि आरोप रिपब्लिक टीवी के खिलाफ थे। परम बीर सिंह द्वारा  एफआईआर को जानबूझ कर सार्वजनिक पटल पर न रखने को लेकर अर्नब गोस्वामी ने उनको निशाने पर लिया।

मुंबई पुलिस कमिश्नर के दोहरे रवैये पर निशाना साधते हुए, गोस्वामी ने पूछा, “आपने इतनी तेजी से कैसे जाँच की? आप अरुण पुरी और इंडिया टुडे समूह के अन्य मालिकों को क्यों नहीं समन भेज रहे हैं? आप मामले को घुमाकर मेरे बारे में बनाना चाहते थे। आपके पास रिपब्लिक टीवी और इंडिया टुडे के लिए दो अलग-अलग नियम कैसे हो सकते हैं?”

गौरतलब है कि रिपब्लिक टीवी को मंशा पूर्वक बदनाम करने के प्रयास में मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को इसके कंसल्टिंग एडिटर और पत्रकार प्रदीप भंडारी को समन भेजा था। प्रदीप भंडारी के विरुद्ध मुंबई स्थित खार पुलिस थाने में धारा 188, 353 और बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 37 (1) और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पत्रकार प्रदीप भंडारी ने ट्विटर पर लिखा था कि रिपब्लिक टीवी की लड़ाई जारी रहेगी, भले पुलिस बदला लेने की कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch