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फिर से लॉकडाउन लगाने की तैयारी में सीएम केजरीवाल: वहीं उनके मंत्री ने कल किया था तालाबंदी से इनकार

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण का कहर लगातार बढ़ रहा है। जिसको लेकर एक तरफ जहाँ केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली में दोबारा से लॉकडाउन लगाने से इनकार कर रहे थे वहीं आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल लॉकडाउन फिर से लगाने की तैयारी में लगे है। सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के दोहरे बयान ने दिल्ली जनता को उलझा कर रख दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, सीएम ने तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए मंगलवार (17 अक्टूबर, 2020) को कहा, अगर भीड़भाड़ कम नहीं हुई तो बाजार बंद करने की अनुमति के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। CM ने कहा कि दरअसल दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में हम केंद्र सरकार को एक सामान्य प्रस्ताव भेज रहे हैं कि यदि आवश्यक हो तो दिल्ली सरकार उन बाजारों को कुछ दिनों के लिए बंद कर सकती है, जहाँ कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं किया जा रहा है और वे एक स्थानीय हॉटस्पॉट बन रहे हैं।

सीएम ने यह भी कहा, “जब कुछ सप्ताह पहले दिल्ली में कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ, तो शादी में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 200 कर दी गई। अब इसे वापस लिया जा रहा है और केवल 50 लोगों को अनुमति दी जाएगी। यह प्रस्ताव एलजी के पास भेजा गया है।”

गौरतलब है कि सीएम का यह बयान दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा कल की गई टिप्पणी के बाद आया है, जिसने लोगों को काफी हैरान कर दिया। दरअसल, दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने सोमवार को कहा था कि राजधानी में कोविड की तीसरी लहर खत्‍म हो गई है। उन्‍होंने कहा था कि लॉकडाउन लगाने का कोई प्‍लान नहीं है।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “दिल्ली में फिर से लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। मुझे नहीं लगता कि अब यह प्रभावी कदम होगा। सभी का मास्क पहनकर बाहर निकलना ही फायदेमंद होगा।”

गौरतलब है कि यह बयान ऐसे समय पर सामने आया जब दिल्ली में 28 अक्टूबर से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं कोरोना वायरस के एक दिन में पहली बार 5,000 से 8000 अधिक नए मामले सामने भी आए। हालाँकि, बीते 2 दिनों से मामलों में कमी भी देखी गई है, लेकिन इसके पीछे कम कोविड-19 टेस्ट को वजह बताया जा रहा है। बता दें भारत में दिल्ली एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ रहे है।

उल्लेखनीय है कि अगस्त के महीने में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रसार को लेकर दिल्ली सरकार ने ‘बाहरी’ लोगों को दोषी ठहरा रही थी। जिसके बाद दिल्ली के हालात को सुधारने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाना पड़ा था। वहीं इस बार भी केंद्र सरकार ने दिल्ली में बेकाबू होते हालात को देखते हुए ठोस कदम उठाने का फैसला लिया है। शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते मामलों की जाँच के लिए 300 अतिरिक्त आईसीयू बेड की व्यवस्था, आरटीपीआर परीक्षणों को दोगुना करने और घर-घर सर्वेक्षण सहित कई उपायों की घोषणा की है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नगर निगमों में से कुछ अस्पतालों को कोविड अस्पतालों में परिवर्तित किया जाएगा। साथ ही मैनपावर बढ़ाने के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को बुलाया गया है। एमएचए के अनुसार, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से लगभग 75 अर्धसैनिक चिकित्सक और कुछ 250 पैरामेडिक्स पहले ही दिल्ली आ चुके हैं।

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