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पार्थिव पटेल ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से लिया संन्यास, 17 साल की उम्र में किया था डेब्यू

भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) ने बुधवार (9 दिसंबर) को अपने 18 साल के क्रिकेट करियर से संन्यास ले लिया है. पार्थिव ने सोशल मीडिया के जरिये बताया कि वह आज क्रिकेट के सभी फॉर्मेस से संन्यास ले रहे हैं. 35 साल के पार्थिव ने भारत के लिए 25 टेस्ट, 38 वनडे और दो टी20 इंटरनेशनल खेले हैं. घरेलू क्रिकेट में गुजरात के लिए खेलते हुए पार्थिव ने 194 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं.

पार्थिव पटेल ने 2002 में भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू किया था और इसी के साथ वह टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सबसे कम उम्र के विकेटकीपर बने थे. उन्होंने 17 साल और 153 दिन की उम्र में डेब्यू किया था. पार्थिव ने टेस्ट क्रिकेट में 31.13 की औसत से 934 रन बनाए हैं. वहीं, वनडे में 23.7 औसत से 736 रन बनाए हैं. इसके अलावा बतौर विकेटकीपर टेस्ट में 62 कैच लपके और 10 स्टम्पिंग की. पार्थिव के करियर की शुरुआत अच्छी रही थी, लेकिन 2004 में दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी के उदय के बाद उन्होंने अपना स्थान गंवा दिया.

भले ही उन्होंने बीच में वापसी की, लेकिन वह भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करने में नाकाम रहे और ऋद्धिमान साहा टेस्ट में पहली पसंद बने. इसके बाद अहमदाबाद के इस क्रिकेटर के लिए चीजें और चुनौतीपूर्ण हो गईं. हालांकि, पार्थिव ने कभी हार नहीं मानी. वह इंडियन प्रीमियर लीग और घरेलू सर्किट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे.
आईपीएल 2015 में पार्थिव पटेल ने 339 रन बनाए और मुंबई इंडियंस के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में चौथे नंबर पर रहे. मुंबई इंडियंस ने इस साल आईपीएल खिताब जीता था. इसी साल के के अंत में उन्होंने लिस्ट-ए का अपना पहला शतक जड़ा और गुजरात को अपने पहले विजय हजारे ट्रॉफी के खिताब तक पहुंचाया. वह घरेलू क्रिकेट में काफी कामयाब रहे और 194 प्रथम श्रेणी मैचों में 27 शतक समेत 11240 रन बनाए. उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के लिए खेला. पार्थिव की कप्तानी में गुजरात ने 2016-17 में रणजी खिताब जीता. वह भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के पहले कप्तान रहे, जिनके साथ 2013 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेला.

रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए पार्थिव पटेल ने अपने टि्वटर पर पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली का शुक्रिया अदा किया, जिनकी कप्तानी में पटेल ने डेब्यू किया था. ”मैं आज क्रिकेट के सभी प्रारूपों से विदा ले रहा हूं. भारी मन से अपने 18 साल के क्रिकेट के सफर का समापन कर रहा हूं.” पार्थिव ने कहा, ”मुझे सुकून है कि मैंने गरिमा, खेल भावना और आपसी सामंजस्य के साथ खेला. मैंने जितने सपने देखे थे, उससे ज्यादा पूरे हुए. मुझे उम्मीद है कि मुझे याद रखा जाएगा.”

पार्थिव पटेल ने लिखा, ”मैं खास तौर पर दादा का ऋणी हूं, मेरे पहले कप्तान, जिन्होंने मुझ पर काफी विश्वास जताया.” इसके साथ-साथ उन्होंने बीसीसीआई को भी शुक्रिया कहा. उन्होंने लिखा, ”17 साल की उम्र में बीसीसीआई ने उन्हें खेलने का मौका दिया, उसके लिए मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा.” उन्होंने कहा, ”मैं आईपीएल टीमों और उनके मालिकों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे टीम में शामिल किया और मेरा ध्यान रखा.”

बता दें कि पार्थिव पटेल चार साल पहले फरवरी 2016 में अपना अंतिम इंटरनेशनल मैच खेले थे. चोटिल धोनी के स्टैंडबाय के तौर पर उन्हें टीम में जगह मिली थी. 2016-17 में रणजी ट्रॉफी खिताब खत्म होने के बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट टीम में ऋद्धिमान साहा के चोटिल होने पर बुलाया गया था. पार्थिव आईपीएल 2020 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम का हिस्सा थे. हालांकि, उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला.

अपने टेस्ट डेब्यू के दो साल बाद पार्थिव ने नवंबर 2004 में अहमदाबाद के लिए रणजी में डेब्यू किया था. पार्थिव ने एक इंटरव्यू में बताया था, ”मुझे वह मैच बहुत अच्छी तरह से याद है.हमें दिल्ली के खिलाफ वह मैच जीतना चाहिए था. मैंने सर्किट में कुछ स्थापित खिलाड़ियों के खिलाफ खेला- जैसे आशीष नेहरा, आकाश चोपड़ा, अजय जडेजा, गौतम गंभीर, मिथुन मन्हास, अमित भंडारी, सरनदीप सिंह, विजय दहिया. दिल्ली 156 रनों का पीछा कर रही थी और 9 विकेट गंवा कर 102 रन बना चुकी थी. हम लगभग जीत चुके थे. वह मेरे करियर की अच्छी शुरुआत थी.”

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