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हाथरस केस: CBI ने आखिरी बयान को बनाया आधार, चार्जशीट में 4 मर्डर और रेप के आरोपित

लखनऊ। हाथरस मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने 22 सितंबर को पीड़िता द्वारा दिए गए अंतिम बयान के आधार पर चार आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। बता दे, 14 सितंबर को कथित तौर पर 19 वर्षीय युवती के साथ आरोपितों ने सामूहिक बलात्कार किया था।

आरोपितों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि सीबीआई मृतका के भाई को फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जाएगी।

विपक्षी नेताओं और मीडिया द्वारा मामले में राज्य सरकार को बदनाम करने वाली मंशा को देखते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की सीबीआई जाँच की सिफारिश की थी। घटना के तूल पकड़ते ही कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, भीम आर्मी और इस्लामवादी पीएफआई जैसे संगठनों ने निजी फायदे के लिए इस मामले का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया था।

सीबीआई ने अपनी जाँच के दौरान जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों से मुलाकात की थी। जहाँ पीड़िता को कथित सामूहिक बलात्कार के बाद भर्ती किया गया था। वहीं स्कूल की मार्कशीट के आधार पर एक आरोपित नाबालिग भी पाया गया था।

गौरतलब है कि 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई। हालाँकि प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार के कोई संकेत नहीं मिले थे। पीड़िता के भाई द्वारा 14 सितंबर को थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं था। बलात्कार का पहला आरोप पीड़िता द्वारा 22 सितंबर को लगाया गया था।

मामले में सीबीआई की रिपोर्ट एक विशेष एससी/एसटी कोर्ट में दायर की गई है। CBI ने आरोपित बनाए गए चार लोगों के खिलाफ IPC की धारा 302, 354, 376 A और 376 D के तहत चार्जशीट फाइल की है।

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