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ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद ट्विटर ने किया 550 अकाउंट्स सस्पेंड, रखी जा रही है सबपर पैनी नजर

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा की गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले ट्विटर ने बुधवार को 550 अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया है। ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि हिंसा, दुर्व्यवहार और धमकियों के लिए उसके प्लेटफॉर्म पर कोई जगह नहीं है।

ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा है कि सोशल मीडिया पर हिंसा की तस्वीरें शेयर करने वाले और शांति भंग करने वाले मैसेज शेयर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। ऐसे मैसेजों की जाँच की जा रही है जो सोशल मीडिया के नियमों का उल्लंघन करते हैं और समाज में अशांति फैलाने का काम करते हैं। जोकि हमारे नियमों का उल्लंघन हैं।

माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की ओर से कहा गया है कि इसने उन ट्वीट्स पर लेबल लगाए हैं जो मीडिया पॉलिसी का उल्लंघन करते हुए पाए गए। इन अकाउंट्स पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा यदि किसी को कुछ आपत्तिजनक या भड़काऊ लगता है तो वह उस अकाउंट और ट्वीट के बारे में रिपोर्ट कर सकता है।

ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि, “हमने हिंसा, दुर्व्यवहार और धमकियों को उकसाने के प्रयासों वाले संवाद से सर्विस को बचाने के लिए सख्त कार्रवाई की है, जो कुछ नियमों को तोड़कर ऑफलाइन नुकसान का जोखिम पैदा कर सकते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए ट्विटर ने बड़े पैमाने पर काम किया और सैकड़ों अकाउंट्स और ट्वीट्स पर एक्शन लिया, जो ट्विटर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। स्पैम और प्लैटफॉर्म पर हेरफेर करने में लिप्त 550 अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया है।”

गौरतलब है कि किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली की अनुमति दिल्ली पुलिस से ली थी, लेकिन शर्तों को नहीं माना गया। किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेड्स को तोड़कर राजधानी में प्रवेश किया और जगह-जगह उपद्रव किया।

राजधानी में हुई हिंसा के बाद एक्शन मोड में आई दिल्ली पुलिस ने 37 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डाॅ दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा, बलवीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं। समयपुर बादली में दर्ज एफआईआर नंबर 39 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर और स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव का नाम भी शामिल है।

बता दें कि हथियार लेकर नहीं चलना, निर्धारित मार्ग का पालन करना और ट्रॉलियों के बिना ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली में प्रवेश करना… ये कुछ शर्तें थीं जिस पर सहमति किसान नेताओं और पुलिस के बीच बनी थी लेकिन मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को ट्रैक्टर परेड में शामिल कई प्रदर्शनकारियों द्वारा इनका उल्लंघन किया गया। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के मार्च में इस शर्त का भी उल्लंघन किया गया कि एक ट्रैक्टर पर पाँच से अधिक व्यक्ति सवार नहीं होंगे। यह ट्रैक्टर मार्च हिंसक हो गया और इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई स्थानों पर झड़प हुई।

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