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जिससे 27 साल पहले की थी पूछताछ, उसने की अजीत डोभाल के दफ्तर की रेकी: आतंकी के खुलासे के बाद NSA की सुरक्षा कड़ी

नई दिल्‍ली। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल आतंकियों के निशाने पर हैं। ताज़ा खुलासे के बाद डोभाल की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक गिरफ्तार आतंकी ने खुलासा किया है कि उसने सरदार पटेल भवन सहित नई दिल्ली के कई हाई प्रोफ़ाइल दफ्तरों की रेकी की थी। आतंकी ने बताया है कि पाकिस्तान के एक हैंडलर के कहने पर उसने ऐसा किया।

2016 में हुए उरी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में पुलवामा हमले के बाद हुए बालकोट एयरस्ट्राइक के बाद से ही अजीत डोभाल आतंकियों के निशाने पर हैं, क्योंकि इन दोनों का खाका तैयार करने में उनकी अहम भूमिका थी। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि उन पर बढ़े खतरे के बारे में सुरक्षा एजेंसियों और केंद्रीय गृह मंत्रालय को आगाह कर दिया गया है।

अजीत डोभाल भारत के उन लोगों में हैं, जिनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है। जम्मू-कश्मीर स्थित शोपियाँ के जैश आतंकी हिदायतुल्लाह मलिक को 6 फ़रवरी को गिरफ्तार किया गया था। उससे पूछताछ के दौरान ही सुरक्षा एजेंसियों के हाथ एक वीडियो लगा, जिसमें अजीत डोभाल के दफ्तर की रेकी की गई थी। जम्मू के गंग्याल पुलिस थाने में मलिक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

अनंतनाग में गिरफ्तार किए गए मलिक के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार भी जब्त किए गए थे। हिदायतुल्लाह 24 मार्च 2019 को श्रीनगर से दिल्ली के लिए इंडिगो फ्लाइट से निकला था और अजीत डोभाल के दफ्तर के बाहर सुरक्षा तथा CISF की तैनाती के डिटेल्स जुटाए थे। फिर उसने इसका वीडियो अपने पाकिस्तानी आका को भेजा।

उसे अपने आका के बारे में ज्यादा नहीं पता लेकिन वो उसे ‘डॉक्टर’ के नाम से बुलाता है। इसके बाद हिदायतुल्लाह मलिक दिल्ली से एक बस से कश्मीर लौटा। मई 2019 में मलिक को एक आत्मघाती हमले के लिए पाकिस्तानी आकाओं ने ह्युंडई सैंट्रो कार भी दी थी। एक बैंक कैश वैन से उसने नवंबर 2020 में शोपियाँ में इरफ़ान ठोकर, उमर मुस्ताक और रईस मुस्तफा के साथ मिल कर 60 लाख रुपए लूट लिए थे।

उसने पूछताछ में अपने 10 पाकिस्तानी आकाओं के कॉन्टैक्ट डिटेल्स व अन्य विवरण दिए हैं। उसने 2019 में जैश ज्वाइन की थी। पहले वो जमीन पर उसके लिए काम करता था, फिर उसने एक मुखौटा संगठन तैयार किया। बता दें कि 1994 में जब आतंकी अज़हर मसूद (जैश का संस्थापक) गिरफ्तार किया गया था तो अजीत डोभाल ने उससे कड़ी पूछताछ की थी।

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