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कोर्ट में दिशा रवि रोई, बाहर लिबरल: 5 दिन की पुलिस कस्टडी में, खालिस्तानी संगठन से भी लिंक

नई दिल्‍ली। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शनिवार (13 फरवरी 2021) को 21 साल की ‘क्लाइमेट एक्टिविस्ट’ दिशा रवि को बेंगुलरु से गिरफ्तार किया था। टूलकिट (ToolKit) मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। किसान आंदोलन की आड़ में रची गई विदेशी साजिश का पर्दाफाश जिस टूलकिट से हुआ था, उसे स्वीडन की कथित बाल अधिकार कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने गलती से लीक कर दिया था।

रविवार (14 फरवरी 2021) को दिशा को अदालत ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार अदालत में खुद को निर्दोष बताते हुए दिशा रोने लगी। इधर, उसकी गिरफ्तारी पर लिबरलों का भी विलाप शुरू हो गया है। इस बीच, खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PFJ) से भी उसके लिंक मिलने की बात सामने आई है।

ग्रेटा थनबर्ग की ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ इंडिया चैप्टर की दिशा संस्थापक सदस्य है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिशा रवि, टूलकिट Google डॉक की संपादक है। वह दस्तावेज़ के निर्माण और प्रसार में मुख्य साजिशकर्ता है। उसने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया और टूलकिट डॉक बनाने में सहयोग किया। डॉक का ड्राफ्ट तैयार करने में वह शामिल थी।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि ने ही ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट डॉक शेयर किया था।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिशा रवि ने ही उसे टूलकिट डिलीट करने के लिए कहा था। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने कहा कि इसमें दो लाइन से कहीं ज्यादा एडिटिंग है। बता दें कि सुनवाई के दौरान दिशा ने कहा कि उसने दो लाइनें ही एडिट की थी।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 4 फरवरी को इस मामले में आईपीसी की धारा 124ए, 120ए और 153ए के तहत एफ़आईआर दर्ज की थी। देशद्रोह, आपराधिक षड्यंत्र और समूहों के बीच नफ़रत फैलाने संबंधी यह एफ़आईआर ‘टूलकिट’ के निर्माताओं के खिलाफ़ दर्ज की गई थी।

दिशा रवि की गिरफ्तारी की खबर सामने आते ही वामपंथियों का प्रलाप शुरू हो गया है। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है। लिबरलों ने दिशा रवि के पक्ष में सोशल मीडिया पर सहानुभूति जताना शुरू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता करुणा नंदी ने दावा किया कि कार्यकर्ता एक गायिका माँ की बेटी है। उन्होंने कहा, “इस तरह के मामले में गिरफ्तारी के लिए आरोप बेतुके हैं।”

लेफ्ट-प्रोपगेंडा वेबसाइट स्क्रॉल की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा भी दिशा रवि के समर्थन में सामने आई।

कम्युनिकेशन स्ट्रैटजी कंसल्टेंट कार्तिक ने इस पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “भारत सरकार बहुत बहादुर है! बेंगलुरु की 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को शनिवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तार किया।”

लेफ्ट-विंग प्रोपेगेंडा फैलाने वाली कार्यकर्ता कविता कृष्णन भी दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद खुद को रोक नहीं पाई। उन्होंने ट्विटर पर आरोप लगाया, “जैसा कि मैंने चेतावनी दी थी, ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए टूलकिट के खिलाफ एफआईआर कोई मजाक नहीं है, यह भारत में कार्यकर्ताओं के विच-हंट के लिए नया बहाना है। 21 वर्षीय छात्रा और फ्राइडे फॉर फ्यूचर की कार्यकर्ता को इस बहाने पूछताछ के लिए उठाया गया है।”

लेखक मिहिर शर्मा ने दावा किया कि ’21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता’ को गिरफ्तार करके भारत एक ‘बड़ा सुपरपावर’ साबित हुआ।

गौरतलब है कि ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में एक ट्वीट किया था। लेकिन कुछ ही देर बाद यह ट्वीट ग्रेटा ने डिलीट भी कर दिया था। हालाँकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस डॉक्यूमेंट से यह स्पष्ट हो गया था कि किसान आन्दोलन एक सोची-समझी रणनीति के साथ शुरू किया गया था और 26 जनवरी का उपद्रव भी इसी रणनीति का हिस्सा था।

इसके बाद उसने एक और ट्वीट किया, जिसमें गूगल डॉक्यूमेंट की एक फाइल शेयर की गई थी। इस फाइल में भारत में चल रहे किसान आन्दोलन को हवा देने वाले सोशल मीडिया कैंपेन का शेड्यूल और तमाम रणनीति दर्ज थी। यह गूगल डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए ग्रेटा ने लिखा था कि जो लोग मदद करना चाहते हैं यह ‘टूलकिट’ उनके लिए है। इस लिंक में भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डालने की कार्ययोजना का विवरण था।

क्राइम ब्रांच के स्पेशल पुलिस कमिश्नर प्रवीर रंजन ने कहा था, “शुरूआती जाँच में पता चला है कि टूलकिट ‘खालिस्तानी समर्थक समूह’ पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (Poetic Justice Foundation) द्वारा तैयार की गई थी।”

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