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भारत की कूटनीति के आगे बेबस ड्रैगन: पैंगोंग के उत्तरी किनारों से उखाड़े तंबू, ध्वस्त किए बंकर-शेल्टर

नई दिल्‍ली। भारत की कूटनीति के आगे चीनी सेना को झुकना पड़ा। दोनों देशों के बीच कई महीने से चल रहे गतिरोध के बाद स्थिति सामान्य करने की कवायद तेज हो गई है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने आखिरकार पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर 4 क्षेत्र को खाली करना शुरू कर दिया है, जिस पर उसने पिछले साल कब्जा कर लिया था और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति में बदलाव किया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन ने फिंगर 5 और फिंगर 8 के बीच अपने कई शेल्टर्स और ढाँचे को भी हटा लिया है। साथ ही चीनी सैनिक अपने रहने के लिए बनाए गए शेल्टर (आश्रय) को भी नष्ट कर रहे हैं और अन्य संरचनाओं को भी हटा रहे हैं, जो उन्होंने कब्जे के दौरान स्थापित की थी। चीनी सेना के रुख को देखते हुए भारत ने भी नरमी दिखाते हुए अपने जवानों की संख्या कम कर दी है।

कहा जा रहा चालबाज चीनी सेना द्वारा उठाया गया यह कदम 10 महीनों से चल रहे गतिरोध को खत्म करने की दिशा में दोनों देश के सेना अधिकारियों द्वारा लगातार बातचीत और सैनिकों के पीछे हटने संबंधी समझौते के अनुसार हो रहा है।

समझौते के मुताबिक, चीनी सैनिक फिंगर 8 पर वापस चले जाएँगे और भारतीय सेना पैंगोंग झील के उत्तरी तट के फिंगर 2 और 3 के बीच धन सिंह थापा पोस्ट पर वापस आ जाएगी। इसके साथ ही पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे से तैनाती भी वापस ले ली जाएगी। इसके अलावा, पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त सहित सैन्य गतिविधियों पर एक अस्थायी रोक होगी, जब तक कि स्थिति समान्य न हो जाए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह भी कहा जा रहा है कि पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे से टैंक भी हटा दिए गए हैं। दक्षिणी तट पर कुछ इलाकों में दोनों सेनाओं के टैंकों के बीच केवल 100 मीटर की दूरी ही रह गई थी, अब उन्हें दोनों तरफ से पूरी तरह वापस खींच लिया गया है और अब वे कुछ किलोमीटर दूर हैं।

बता दें, पैंगोंग झील में पास स्थित पर्वत को कई सैन्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसे फिंगर्स कहा जाता है। असल में यह पर्वत उंगलियों की तरह दिखते भी है। झील के उत्तरी किनारे को आठ फिंगर्स में बाँटा गया है। भारत ने फिंगर 8 तक अपने क्षेत्र का दावा किया है और चीन फिंगर 4 तक अपने दावों पर अड़ा है।

दोनों देशों के इन दावों के चलते सेना कई बार सेना कई बार इन क्षेत्रों में आमने-सामने आ जाती है और पिछले कुछ महीनों से तो दोनों सेनाएँ कई स्थानों पर आमने-सामने की स्थिति में बनी हुई है। वहीं सैनिकों के बीच झड़प की खबरें भी सामने आती है।

गौरतलब है कि 2020 कोरोना वायरस के शुरुआती दौर में पैंगोंग झील पर चीन की सेना ने अपना दावा ठोकना चाहा था। जिसका भारतीय सेना ने पुरजोर विरोध किया था। वहीं यह विरोध इस कदर बढ़ गया था कि 15 जून को चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। 20 भारतीय सैनिक इस हमले में शहीद हो गए। हालाँकि, चीन के कितने सैनिक मारे गए, उसने खुलासा नहीं किया।

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