Saturday , November 23 2024

एक ही पौधे में नीचे आलू व ऊपर निकल रहा टमाटर

एक डाली में टमाटर तो दूसरे में बैगन भी लोगों को कर रहा आकर्षित
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के प्रधान वैज्ञानिक डाक्टर अनंत बहादुर ने किया है नया शोध
अब टमाटर, बैगन और मिर्च का उत्पादन एक ही पौधे में निकालने की तैयारी

लखनऊ। अब एक पौधे में ही नीचे आलू और ऊपर टमाटर का उत्पादन लीजिए। वहीं एक ही पौधे में एक डाली पर बैगन और दूसरी डाली पर टमाटर का फलने वाला पौधा भी आ गया है। यदि आपने गमले में चार पौधा भी लगा दिया है तो परिवार के खाने भर का टमाटर व बैगन आसानी से निकल सकता है। यह शोध परक कमाल कर दिखाया है भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के प्रधान वैज्ञानिक डाक्टर अनंत बहादुर ने।
डाक्टर अनंत बहादुर ने बताया कि आलू और टमाटर की शंकर प्रजाति के पौधों को संग्रहित किया जाता है। इसमें एक पेड़ में छह सौ से आठ सौ ग्राम तक आलू आ जाता है। इसके साथ ही छह से आठ किलो तक टमाटर आ जाता है। पौधा बड़े प्रजाति का होता है। इसे पोल के सहारे चढ़ाते हैं। इससे दोनों तैयार हो जाता है। इसको कहीं भी गमले में लगाकर आसानी से घर में खाने के लिए लगाया जा सकता है। उन्होंने विशेष वार्ता में कहा कि यह पौधा सात से आठ रुपये पड़ जाते हैं। इसको अभी ट्यूबर से किया जा रहा है। जब इसे बीज के माध्यम से किया जाएगा तो किसानों को काफी फायदा वाला होगा। हम इस वर्ष इसके बीज को विकसित करने के लिए कोशिश करेंगे।
प्रधान वैज्ञानिक डाक्टर अनंत बहादुर ने बताया कि अभी हम इसे किसानों को खेत में लगाने की सलाह नहीं दे रहे हैं। अभी इसे गमले में लगाने की सलाह देते हैं, जिससे एक पौधे से ही घर में दोनों सब्जियां मिल सके। इसे बालकोनी में लगाया जा सकता है। इसका पौध हम अभी बिग्घा भर का दे भी नहीं सकते। जब बीज तैयार हो जाय तो किसानों के लिए भारी मात्रा में उत्पादन किया जा सकता है।
डाक्टर अनंत बहादुर ने बैगन व टमाटर के मिक्सर के बारे में बताया कि इसमें एक डाली पर टमाटर तो दूसरी डाली पर बैगन फलेगा। इसमें एक पेड़ से चार किलो बैगन और ढाई किलो तक टमाटर निकल जाता है। इसका नाम ब्रेमाटो रखा गया है। इसको इतनी आसानी से नहीं तैयार होता है। इसका क्रास करना कठिन है। इसके लिए हम कुछ लोगों को तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस साल कोशिश करेंगे कि एक ही पौध में टमाटर, बैगन और मिर्च एक ही साथ उगाया जाय। इस पर काम चल रहा है। इसके साथ ही बीज भी तैयार करने की भी कोशिश की जा रही है।

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