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‘पार्टी में नहीं बचा लोकतंत्र’: पीसी चाको ने सोनिया को भेजा इस्तीफा, कहा- ‘कॉन्ग्रेस के साथ काम करना मुश्किल’

नई दिल्ली। पाँच राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो गया है, लेकिन कॉन्ग्रेस की अंदरुनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में कॉन्ग्रेस के नाराज नेताओं के ग्रुप G-23 ने पार्टी हाईकमान की टेंशन बढ़ाई थी। वहीं अब कॉन्ग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने कॉन्ग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है। साथ ही अपना इस्तीफा कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को भेज दिया है।

उन्होंने कॉन्ग्रेस में गुटबाजी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि पार्टी में अब जरा भी लोकतंत्र नहीं बचा है। खुद पीसी चाको ने ऐलान करते हुए कहा कि उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी छोड़ दी है और अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को भेज दिया है।

इस्तीफे के ऐलान के बाद चाको ने कहा कि केरल कॉन्ग्रेस की टीम के साथ काम करना मुश्किल है। उन्होंने त्याग पत्र में कहा, “मैंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन केरल कॉन्ग्रेस टीम के साथ काम करना वास्तव में मुश्किल है। मैं कॉन्ग्रेस द्वारा लिए गए हर फैसले के साथ खड़ा था, लेकिन अब यह बहुत मुश्किल है। आप एक केंद्रीय चरित्र वाली पार्टी नहीं चला सकते।”

उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस नेतृत्व ने स्थिति को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के लिए प्रदेश समिति की कोई भूमिका नहीं है। इस्तीफे की घोषणा के बाद कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद पीसी चाको ने कहा, “मैं पिछले कई दिनों से इस फैसले पर सोच रहा था। मैं केरल से हूँ, जहाँ कॉन्ग्रेस पार्टी जैसा कुछ नहीं है। वहाँ 2 पार्टी हैं- कॉन्ग्रेस (आई) और कॉन्ग्रेस (ए)। वहाँ 2 पार्टियों की कोऑर्डिनेशन कमिटी है, जो KPCC के रूप में काम कर रही है।”

उन्होंने आगे कहा कि केरल में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लोग चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस वापस आए, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गुटबाजी है। मैं हाईकमान से गुटबाजी को खत्म करने के लिए कह रहा था, लेकिन वो दोनों गुटों के तर्क से संतुष्ट है।

चाको ने आगे कहा कि कॉन्ग्रेस एक महान पार्टी है। कॉन्ग्रेस का कार्यकर्ता होना प्रतिष्ठा की बात है लेकिन आज केरल में कोई भी व्यक्ति कॉन्ग्रेस का आदमी नहीं है। जो भी लोग हैं वो या तो I ग्रुप के हैं या फिर A ग्रुप के, इसलिए उन्होंने पार्टी को छोड़ने का फैसला लिया है। उनके मुताबिक कॉन्ग्रेस हाईकमान गुटबाजी पर मूकदर्शक बना हुआ है, जिस वजह से इसका कोई हल नहीं हो पा रहा है।

वरिष्ठ नेता पीसी चाको के इस्तीफे को चुनावी मौसम में कॉन्ग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चाको, केरल की त्रिशूर संसदीय सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस ने पीसी चाको को दिल्ली का प्रभारी बनाया था। हालाँकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद पीसी चाको ने कॉन्ग्रेस के दिल्ली प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था।

वोटिंग में एक महीने से कम का वक्त

पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु के अलावा केरल में भी विधानसभा के चुनाव हैं। चुनाव आयोग ने इस बार विधानसभा चुनाव सिर्फ एक चरण में करवाने का फैसला लिया है, जिसके तहत 6 अप्रैल को वोटिंग होगी, जबकि 2 मई को रिजल्ट आएँगे। वहीं बीजेपी भी केरल में जी-जान से जुटी हुई है। हाल ही में मेट्रोमैन ई श्रीधरन ने केरल में बीजेपी के दामन को थाम लिया था।

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