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‘इंटरव्यू रिलीज किया तो SC/ST एक्ट लगा दूँगा’: कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने पत्रकार को धमकाया, सवाल पर फँसे तो खेला ‘दलित कार्ड’

नई दिल्‍ली।  कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने एक पत्रकार को अपना इंटरव्यू प्रकाशित करने से रोक दिया। उन्होंने धमकी दी कि अगर उसने उनका इंटरव्यू प्रकाशित किया तो वो SC/ST एक्ट के तहत उस पर मुकदमा दर्ज करा देंगे। चूँकि, उस पत्रकार ने उनसे कुछ कठिन सवाल पूछे थे, इसलिए उदित राज ने उसे जेल भिजवाने तक की धमकी दे डाली।

पत्रकार ने कहा कि इस इंटरव्यू के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है कि उदित राज उसे धमकी दे रहे हैं। खुद को ‘सबसे बड़ा दलित नेता’ बताने वाले उदित राज उक्त पत्रकार को प्रताड़ित कर सकते हैं, इसीलिए फ़िलहाल हम उसकी पहचान उजागर नहीं कर रहे। दरअसल, एक सवाल से उदित राज इतना क्रोधित हो गए कि उन्होंने SC/ST एक्ट लगाने की धमकी दे डाली। पत्रकार के अनुसार, “उदित राज ने कहा कि इंटरव्यू रिलीज करवा कर दिखाओ, SC/ST एक्ट में अंदर करवा दूँगा।”


उदित राज पर पत्रकार ने लगाया धमकी देने का आरोप

पत्रकार ने बताया, “किसान आंदोलन की टूलकिट पर मैंने कॉन्ग्रेस नेता व पूर्व सांसद उदित राज से सवाल पूछा था। उन्होंने बोला कि भाजपा के ‘प्रचंड मूर्खों’ ने उसे तूल दिया। मैंने काउंटर सवाल किया कि उनके साथ आप भी मूर्खता में शामिल होकर मूर्ख क्यों बन गए? इस बात पर उदित राज ने कहा कि दलित होने के कारण मूर्ख बोल रहे हो… SC/ST एक्ट लगा दूँगा। इसे रिलीज कर के दिखाओ।”

उक्त पत्रकार ने बताया कि उसने पास इंटरव्यू का पूरा वीडियो है लेकिन वो रिलीज नहीं कर पा रहा है। बता दें कि उदित राज ‘अनुसूचित जाति/जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ (All India Confederation Of SC/ST Organisations)’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। साथ ही वो कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रवक्ता भी हैं। ऑपइंडिया ने इस मामले के मद्देनजर वकीलों से पूछा कि क्या दलित नेता अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए SC/ST एक्ट का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं?


‘किसान आंदोलन’ टूलकिट पर सवाल से जुड़ा है मामला

क्या ऐसा कर के वो अपना इंटरव्यू रिलीज होने से रोक सकते हैं? वकील रवि शर्मा ने कहा कि ये एक्ट तभी लगाया जाता है जब किसी दलित व्यक्ति को उसकी जाति की वजह से अपमानित किया जाए या उसके साथ हिंसा की जाए। उन्होंने कहा कि अपराध जाति के कारण निशाना बना कर हो, तभी ये एक्ट लगाया जाता है। वकील विश्वनाथ वेंकटेश ने कहा कि इस बातचीत के आधार पर ये एक्ट नहीं लगाया जा सकते लेकिन किसी के खिलाफ लगातार घृणित हरकतों का इतिहास दिखाया जाए या ऐसा आरोप लगाया जाए, तब ये संभव है।

इससे पहले भी इस एक्ट के दुरूपयोग के कई मामले सामने आते रहे हैं। राजस्थान पुलिस ने बताया था कि 2020 में SC/ST एक्ट के तहत दर्ज मामलों % झूठे निकले। 2020 में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में फेक SC/ST एक्ट वाले मुकदमों के डर से लोगों ने पलायन किया। कुछ महीनों पहले विष्णु तिवारी नामक एक व्यक्ति 20 साल झूठे SC/ST केस में जेल में रह कर निकले। उन्हें अंततः अदालत ने निर्दोष साबित किया।

विवादों से उदित राज का नाता नया नहीं है। हाल ही में उन्होंने कुंभ को लेकर फेक खबर फैलाई थी। उदित राज ने 2019 की पुरानी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा था, “1500 तबलिगी जमात भारत में कोरोना जेहाद कर रहे थे और अब लाखों साधू जुटे कुम्भ में उस जेहाद और कोरोना से निपटने के लिए।” पोल खुलने पर उन्होंने अपने ट्वीट डिलीट कर लिया। सोशल मीडिया यूजर्स ने इसके लिए उनकी आलोचना भी की थी।

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