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चुनाव से पहले मायावती पार्टी के कील-कांटे दुरुस्त करने में जुटीं, इन्हें दी जिम्मेदारी

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती विधानसभा चुनाव 2022 से पहले संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने पर अपना पूरा ध्यान दे रही हैं. बसपा संगठन की कील कांटे दुरुस्त करते हुए उसे चुनाव से पहले ही मजबूत करने पर बसपा सुप्रीमो मायावती का पूरा फोकस है. यही कारण है कि मायावती लगातार जिला संगठन के साथ-साथ मंडल संगठनों में भी फेरबदल कर रही है और पार्टी के कैडर वाले नेताओं को जिम्मेदारी दे रही हैं.

बहुजन समाज पार्टी को पंचायत चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप अधिक सफलता मिली है. इन चुनाव परिणामों को विधानसभा चुनाव परिणाम तक ले जाने की कोशिश भी है. साथ ही अभी देखा जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी विधानसभा चुनाव में बेहतर परफॉर्मेंस करे. बीएसपी को किस दल के साथ गठबंधन करना है उसकी भी तैयारी की जा रही है.

गठबंधन को लेकर सक्रिय हैं मायावती
गठबंधन को लेकर भी मायावती लगातार पार्टी नेताओं से फीडबैक ले रही हैं. मायावती का फोटो दलित मुस्लिम ब्राह्मण समीकरण पर है. इसी को देखते हुए उन्होंने तमाम मुस्लिम दलित बाहुल्य वोटरों वाली जो सीट है उन्हें अपने पास रखने और गठबंधन वाले दलों को दूसरी सीटें देने को लेकर अभी से तैयारी कर रही है.

लखनऊ मण्डल में इन नेताओं को दी गई जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ मंडल के 6 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है. यह पार्टी के पुराने कैडर वाले नेता हैं, जिन्हें जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर अखिलेश अंबेडकर को लखनऊ का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. इसी प्रकार बाल कुमार गौतम को रायबरेली, मिथिलेश कुमार पंकज को उन्नाव का जिला अध्यक्ष, विकास राजवंशी को सीतापुर का जिला अध्यक्ष, सुरेश चौधरी को हरदोई का जिला अध्यक्ष और लखीमपुर खीरी में उमा शंकर गौतम को बसपा के जिला अध्यक्ष बनाया गया है.

बूथ स्तर तक के संगठन को मजबूत करने पर ध्यान
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने पार्टी संगठन और कैडर को बूथ स्तर तक सक्रिय करने को लेकर लगातार मंडल कोऑर्डिनेटर, जोनल कोऑर्डिनेटर और सेक्टर प्रभारियों को दिशा निर्देश दे रही हैं. कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाया जाए और बसपा सरकार के दौरान किए गए कामकाज की जानकारी प्रबुद्ध समाज के लोगों को देनी है. इसके साथ ही बसपा और भाजपा सरकार में तुलना करते हुए बसपा को बेहतर बताते हुए 2022 में चुनाव में जनता से सहयोग की अपील की है.

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