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‘बंगाल में 6 महीने में BJP के 162 कार्यकर्ता की हत्या’: एक और वर्कर पेड़ से लटका मिला, TMC पर हत्या का आरोप

पश्चिम बंगाल में एक और भाजपा कार्यकर्ता की हत्या हुई है, जिसका आरोप राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) पर लगा है। राज्य में 2 मई को चुनाव परिणाम आने के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ जो हिंसा का दौर शुरू हुआ था, वो अब भी थमता नहीं दिख रहा। दक्षिणी रायगंज (विष्णुपुर) में भाजपा के एक सक्रिय सदस्य देबेश बर्मन का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला। सूचना मिलते ही वहाँ भारी भीड़ जुट गई।

भाजपा की पश्चिम बंगाल यूनिट ने कहा है कि वो घृणा की राजनीति का शिकार बन गए। पार्टी ने इसे TMC के गुंडों द्वारा की गई हत्या करार देते हुए कहा कि ममता बनर्जी की निगरानी में भाजपा कार्यकर्ताओं का क्रूर नरसंहार चल रहा है। भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने भी कहा कि पश्चिम बंगाल में रोजाना ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। उन्होंने ‘सत्ताधारी पार्टी के संरक्षण’ में होने वाली हत्याएँ तुरंत रोकने की माँग की।

वहीं भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के आँकड़े जारी किए हैं। पार्टी ने कहा कि पिछले 6 महीने में 162 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएँ हुई हैं। भाजपा नेता समीक भट्टाचार्य ने ये आँकड़े देते हुए कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में भाजपा नेता पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के खिलाफ धरना देंगे। उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)’ की रिपोर्ट तो सिर्फ एक झाँकी है।

उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि कई इलाकों में भाजपा कार्यकर्ताओं को जबरन TMC का झंडा थामने के लिए मजबूर किया गया। बुधवार (20 जुलाई, 2021) को महात्मा गाँधी की समाधि राजघाट पर ये धरना प्रदर्शन होगा। पार्टी ने कहा कि 2 मई के बाद से 38 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। वहीं 21 जुलाई को तृणमूल हर साल ‘शहीद दिवस’ मनाती है। इस दिन यूथ कॉन्ग्रेस के 13 कार्यकर्ता 1993 में हुई एक पुलिस फायरिंग में मारे गए थे।

भाजपा ने ये भी कहा है कि उसके 20,000 कार्यकर्ताओं को TMC के सत्ता में आने के बाद से बेघर होना पड़ा है। भाजपा नेता आज अपने मृतक कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि भी देंगे। वहीं पश्चिम बंगाल में इलाकों में स्थानीय भाजपा पदाधिकारी विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं तृणमूल कॉन्ग्रेस ने भाजपा पर ममता बनर्जी की सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया। NHRC ने कलकत्ता हाईकोर्ट को दी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में ‘कानून का राज’ की जगह ‘राज करने वालों का कानून’ चल रहा है।

NHRC की 7 सदस्यीय टीम ने 20 दिन में 311 से अधिक जगहों का मुआयना करने के बाद राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। जाँच के दौरान टीम को राज्य के 23 जिलों से 1979 शिकायतें मिलीं। इनमें ढेर सारे मामले गंभीर अपराध से संबंधित थे। इनमें से अधिकांश शिकायतें कूच बिहार, बीरभूम, बर्धमान, उत्तरी 24 परगना और कोलकाता की हैं। इनमें से अधिकांश मामले दुष्कर्म, छेड़खानी व आगजनी की हैं और ये शिकायतें टीम के दौरा के वक्त लोगों ने बताई हैं।

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