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देवी की प्रतिमाओं पर सीमेन, साड़ियाँ उतार जला दी: तमिलनाडु के मंदिर का ताला तोड़ कर कुकृत्य

तमिलनाडु स्थित रानीपेट के एक मंदिर में हिन्दू घृणा का मामला सामने आया है। इससे पहले भी राज्य में मंदिरों पर हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं। ताज़ा घटना में मंदिर में देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ अपमानजनक अवस्था में रखी हुई मिलीं। देवी अम्मान और माँ दुर्गा की प्रतिमाओं को अस्त-व्यस्त किया गया। प्रतिमाओं पर हस्तमैथुन किया गया। पवित्र प्रतिमाओं पर सीमेन बिखरा पड़ा था। कपड़े जला दिए गए थे। श्रद्धालुओं में इस घटना को लेकर खासा आक्रोश है।

स्थानीय लोगों ने पुलिस पर निष्क्रियता के आरोप लगाए हैं। हिन्दू कार्यकर्ताओं का कहना है कि हाल ही में राज्य में इस तरह की ये तीसरी घटना है। दरअसल, ये घटना पिछले महीने हुई है। कावेरीपक्कम के नजदीक कोंडापुरम गाँव में पंच लिंगेश्वर मंदिर स्थित है। ये भगवान शिव का मंदिर है, जिसकी देखभाल और प्रबंधन का अधिकार ‘हिन्दू रिलीजियस एंड चैरिटेबल एंडोमेंट्स (HCRE)’ विभाग के पास है।

ये तमिलनाडु की राज्य सरकार का ही एक विभाग है। खबरों के अनुसार, जब मंदिर का केयरटेकर 20 जून, 2021 को सुबह में कपाट खोलने के लिए आया, तो उसने देखा कि कामाक्षी अम्मान और दुर्गा सन्निधि के ताले टूटे हुए थे। जब वो अंदर गया तो ये देख कर डर गया कि प्रतिमाओं के कपड़े उतार दिए गए थे। देवी की मूर्तियों की साड़ियाँ उतार कर उन्हें जमीन पर रख कर जला दिया गया था।

इस घटना के सामने आते ही श्रद्धालुओं और हिन्दू मुन्नानी संगठन के लोगों ने थाने में जाकर पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। साथ ही इस मामले के दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए विरोध प्रदर्शन भी किया। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग आते रहे हैं। आसपास के इलाकों में कुछ धर्मांतरित लोगों पर इस कुकृत्य का शक जताया जा रहा है। हिन्दू मुन्नानी और विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने मंदिर पर कई बार हमला होने के बावजूद पुलिस पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाया है।

साथ ही HCRE विभाग से भी लोग आक्रोशित हैं। विभाग के पदाधिकारियों को सूचित किए जाने के बावजूद इस घटना को लेकर जानकारी लेने कोई मंदिर नहीं आया। लोगों के अनुसार, पदाधिकारियों का कहना था कि उनके पास और भी ज़रूरी काम हैं जिसमें वो व्यस्त हैं। VHP के राज्य संयोजक सवरना कार्तिक ने कहा कि DMK के सत्ता में आने के साथ ही हिन्दुओं व हिन्दू मंदिरों के खिलाफ अपराध बढ़ जाते हैं, ये इतिहास रहा है।

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