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मस्जिद का 50 साल का इमाम, मदरसे की 14 साल की बच्ची को 2 दिन तक घर में बनाकर रखा बंधक; करता रहा रेप

बांग्लादेश में कोमिला के चंदिना उपजिला में 14 साल की मदरसा में पढ़ने वाली छात्रा को बंधक बनाकर दो दिनों तक रेप करने का मामला सामने आया है। आरोपित इमाम अबुल बशर को सोमवार (2 अगस्त 2021) को गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, नाबालिग के साथ कई बार बलात्कार का आरोपित अबुल बशर (50) चंदीना के तीरचर स्थित नोयाबारी मस्जिद का इमाम है।

उसे रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने सदर दक्षिण उपजिला से गिरफ्तार किया। उसे गिरफ्तार करने वाले आरएबी 11 सीपीसी कंपनी के कमांडर मेजर मोहम्मद साकिब हुसैन के अनुसार, इमाम बशर ने 22 से 23 जुलाई के दौरान लड़की को अपने घर में बंधक बनाकर रखा था। इसी दौरान उसने पीड़िता का बार-बार बलात्कार किया। बार-बार रेप होने से उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद आरोपित लड़की को उसके घर छोड़कर फरार हो गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, घर पहुँचने के बाद पीड़िता ने अपने अब्बू से इसके बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने चंदीना थाने में इमाम बशर के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया। खास बात यह है कि आरोपित बशर निजी ट्यूटर के तौर पर लड़की को अरबी पढ़ाता था। फिलहाल, शिकायत के आधार पर आरएबी ने मामले की छानबीन शुरू कर दी। इस बीच पुलिस की एलीट यूनिट ने सोमवार देर रात बशर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित ने शुरुआती पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया है कि लड़की को बरगलाकर अपने घर बुलाया था औऱ उसे कैद कर लिया।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में रेप के बढ़ते मामलों को काबू करने के लिए वहाँ की सरकार ने नवंबर 2020 में बलात्कार करने पर मौत की सजा मुकर्रर की थी, लेकिन इस कानून के बाद भी वहाँ महिलाओं से रेप की घटनाएँ लगभग हर दिन हो रही हैं। इस मामले में हाल ही में पुलिस मुख्यालय ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके मुताबिक पिछले पाँच वर्षों में देश भर में 26,695 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।

लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले समूह ‘अईन ओ सलीश केंद्र’ (ASK) के आँकड़े कहते हैं कि साल 2020 में 1018 बच्चों के साथ रेप की घटना हुई थी, लेकिन केवल 683 केस ही दर्ज किए गए। वहीं जिन लोगों के साथ रेप हुआ था, उनमें से 116 छह साल या उससे कम उम्र के थे।

एक अन्य आँकड़े के मुताबिक, पिछले साल कुल मिलाकर 1627 बलात्कार के केस दर्ज किए गए थे, जिसमें से 53 महिलाओं की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी, जबकि 14 ने आत्महत्या कर ली थी। हालाँकि, सहायता करने वाली एजेंसियों का कहना है कि रेप के मामले में एएसके के आँकड़े काफी कम हैं, जबकि हकीकत ये है अधिकतर महिलाएँ बलात्कार का केस दर्ज कराने से ही डरती हैं। एएसके के मुताबिक इस साल जनवरी से जून के बीच देश में 532 रेप और 139 गैंगरेप हो चुके हैं।

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