टोक्यो ओलिंपिक में बुधवार का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक बन सकता है। मुक्केबाज लवलिना बोरगोहेन महिलाओं की 69 केजी वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेली से भिड़ेंगी। लवलिना अगर यह बाउट जीत जाती हैं तो वे ओलिंपिक बॉक्सिंग के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली मुक्केबाज बन जाएंगी। ओलिंपिक भारतीय मुक्केबाजों के अब तक बेस्ट परफॉर्मेंस की वे पहले ही बराबरी कर चुकी हैं। विजेंदर सिंह (2008 में) और एमसी मेरीकॉम (2012 में) सेमीफाइनल तक का सफर तय कर चुकी हैं। सेमीफाइनल बाउट दिन के 11 बजे शुरू होगी।
That feeling when you assure your country of an Olympic medal in your debut appearance! 🔥🔥
4️⃣th August, 2021 📆 – Mark @LovlinaBorgohai's semi-final date on your calendars, it's 'bout to get more exciting!#Tokyo2020 | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | #BestOfTokyo pic.twitter.com/NwptipkUFb
— Olympic Khel (@OlympicKhel) July 30, 2021
पहली बार होगा बुसेनाज से मुकाबला
लवलिना और बुसेनाज के बीच अब तक कोई बाउट नहीं हुई है। बुधवार को इनके बीच पहली भिड़ंत होगी। बुसेनाज ने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की अन्ना लाइसेंको को 5-0 के एकतरफा अंदाज में हराया था। लवलिना ने क्वार्टर फाइनल में चाइनीज ताइपे की चिन चेन को हराया था। चेन भी पूर्व वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी हैं। खास बात यह है कि लवलिना ओलिंपिक से पहले चेन के खिलाफ चार मुकाबले हार चुकी थीं। इस लिहाज से वे बुसेनाज के खिलाफ भी उलटफेर करने में सक्षम हैं।
लवलिना के पास हाइट एडवांटेज
सेमीफाइनल बाउट में लवलिना के पास हाइट एडवांटेज है। लवलिना की लंबाई 5 फीट, 9.7 इंच है। वहीं, तुर्की की मुक्केबाज की लंबाई 5 फीट, 6.9 इंच है। लंबाई में 2.8 इंच की बढ़त मुक्केबाजी में काफी अहम भूमिका निभा सकती है।
10 yılı aşkın spor yolculuğumda hiçbir dönemde bu kadar yorulmamış ve hiçbir dönemde aynı zamanda bu kadar mutlu olmamıştım. Vücudum, beynim, yüreğimle, ekibimin ortaya koyduğu özveriyle, her şeyimizle Tokyo için hazırlıkları devam ettiriyoruz. 🇹🇷🙏 Sonu güzel olacak inşallah. pic.twitter.com/MC3uPMEzRC
— Busenaz Sürmeneli (@busenazsurmneli) July 7, 2021
फास्ट मूवमेंट और काउंटर अटैक लवलिना की ताकत
तुर्की की बुसेनाज बेहद आक्रामक मुक्केबाज हैं। उनके खिलाफ लवलिना को अपने डिफेंस पर खासा ध्यान देने की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि डिफेंस लवलिना की ताकत भी है। पहले किक बॉक्सिंग करने की वजह से उनका फीट मूवमेंट में काफी दमदार है। इसकी बदौलत वे बुसेनाज के हमलों से बचने के साथ-साथ मौका मिलने पर बेहतर काउंटर अटैक भी कर सकती हैं।
पहला राउंड होगा बेहद अहम
दोनों मुक्केबाजों के बीच इस बाउट में पहला राउंड काफी अहम हो सकता है। इस ओलिंपिक में लाइन जज आम तौर पर पहले राउंड में बनाई गई राय पर ही कायम रहते दिखे हैं। मेरीकॉम ने अपने क्वार्टर फाइनल में दूसरा और तीसरा राउंड जीता था, लेकिन पहले राउंड में बड़े अंतर से पिछड़ने की भरपाई वह नहीं कर पाई थीं।