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दिल्ली में कमाल: फ्लाईओवर बनने से पहले ही बन गई थी उसपर मजार? मौलाना के दावे का विरोध कर रहे लोगों के साथ बदसलूकी

दिल्ली में आजादपुर फ्लाईओवर के ऊपर बनी मजार के संबंध में ओ न्यूज ने 02 अगस्त 2021 को वीडियो प्रकाशित किया था। इस वीडियो में आदर्श नगर के एसएचओ के द्वारा कथित तौर पर अवैध मजार के खिलाफ आवाज उठाने वाले हिंदू युवक को कानूनी कार्रवाई के लिए धमकाते हुए देखा गया था। बाद में उस युवक को पुलिस खींचकर गाड़ी में बैठाकर ले गई।

सोशल मीडिया पर मजार की तस्वीरों के वायरल होने के बाद यह आरोप लगाया गया कि सड़क पर इस मजार का निर्माण अवैध रूप से किया गया है। इसके बाद ओ न्यूज के पत्रकार मजार के विषय में जानने के लिए गए। मजार की देखरेख करने वाले सिकंदर ने दावा किया कि मजार 1950 के पहले से बनी हुई है और उसके बाप-दादा भी इसकी देखरेख करते थे।

सिकंदर ने बताया कि फ्लाईओवर के नीचे भी एक मजार है जहाँ पीर बाबा की कब्र है। फ्लाईओवर के ऊपर बनी मजार 1982-83 के दौरान बनी। जब पत्रकार ने कहा कि 1982 में यह फ्लाईओवर था ही नहीं तब सिकंदर ने दावा किया कि मजार तब बनी जब फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ था। सिकंदर के दावे के विपरीत फ्लाईओवर का संचालन 2009 में शुरू हुआ था और 1982 में इसका निर्माण शुरू भी नहीं हुआ था।

सड़क पर बनी इस मजार के कारण हमेशा ही ट्रैफिक जाम की समस्या रही। पत्रकार ने जब मजार का विरोध कर रहे हिंदू युवक विजय गड़ारिया से चर्चा की तो विजय ने बताया कि उन्होंने खुद इस मजार को मात्र 10-12 साल पहले ही देखा। विजय ने यह भी कहा कि फ्लाईओवर पर जमीन कब्जाने के बाद उस पर मजार का निर्माण कर दिया गया।

इस बात को लेकर विजय की सिकंदर से बहस हुई, जिस पर आदर्श नगर के एसएचओ सीपी भारद्वाज ने विजय को रोका और कहा कि अगर उसे कोई समस्या है तो वह कानूनी रास्ता अपनाए। भारद्वाज ने कहा कि ऐसी समस्याओं के निपटारे के लिए दिल्ली सरकार ने धार्मिक कमेटी का निर्माण किया है और उसे (विजय) को वहाँ आवेदन देना चाहिए।

विजय, एसएचओ की बात से असंतुष्ट दिखाई दिए और उनसे चाँदनी चौक में मंदिर पर की गई कार्रवाई के बारे में पूछा तब एसएचओ भारद्वाज भड़क गए और उन्होंने कानूनी एक्शन की धमकी देते हुए विजय को पकड़ा और एक अन्य पुलिसकर्मी को उन्हें थाने ले चलने के लिए कहा। साथ ही रिपोर्टर के साथ गए कैमरामैन को भी धक्का दे दिया गया।

इसके बाद एसएचओ को आईपीसी की कुछ धाराओं के अंतर्गत गिरफ्तार करने की बात कहते हुए सुना गया। जब रिपोर्टर ने उनसे इस एक्शन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि किसी के साथ (सिकंदर के लिए) ऐसे पेश नहीं आना चाहिए। इसके बाद जब सिकंदर के पक्ष लेने के बारे में पूछा गया तो एसएचओ भारद्वाज ने रिपोर्टर को ही सलाह दे डाली कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों को सड़क पर नहीं उठाना चाहिए।

एक दूसरे हिंदू व्यक्ति ने पत्रकार से कहा कि वो हिंदू हैं इसलिए उनकी बात नहीं सुनी जा रही है अगर मुस्लिम यही बात कहते तो यही दिल्ली पुलिस हाथ जोड़कर उनकी बात सुनती और उनसे कहती कि वो वही करें जो उनका मन करे। विजय को एक दिन के लिए हिरासत में रखा गया। हालाँकि उन्होंने और कुछ अन्य हिंदू कार्यकर्ताओं ने यह कहा है कि वो मजार को हटाने के लिए कदम उठाएँगे और अगर कोर्ट अथवा प्रशासन द्वारा इसे हटाने का निर्णय नहीं लिया गया तो वो खुद इसे हटा देंगे।

सोशल मीडिया पर फ्लाईओवर के ऊपर बनाई गई मजार और एसएचओ के द्वारा किए गए बर्ताव की जमकर आलोचना हुई और एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग भी की गई।

हालाँकि यह पहली बार नहीं है जब किसी सरकारी जमीन पर या रोड के किनारे मजार बना दी गई हो। इसके पहले मुरादाबाद में ताहिर ने सुंदरलाल की जमीन पर यह कहते हुए मजार बना दी थी कि पीर बाबा ने उसे ऐसा करने के लिए सपने में कहा है।

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