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मेजर ध्यानचंद खेल रत्न दुर्भाग्यपूर्ण… राजीव गाँधी देश के नायक थे, रहेंगे: लगभग रो दिए कॉन्ग्रेसी सांसद, राहुल गाँधी चुप

नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार (6 अगस्त) को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड कर दिया। इसको लेकर जहाँ केरल के कॉन्ग्रेस सांसद के सुरेश ने आपत्ति जताई है, वहीं राहुल गाँधी इस पर प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए। पत्रकारों ने आज राहुल गाँधी से राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर करने को लेकर सवाल किया तो पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बिना कुछ बोले ही वहाँ से निकल गए। जबकि कॉन्ग्रेस सांसद सुरेश ने इसका विरोध करते हुए कहा, ”राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड करना दुर्भाग्यपूर्ण है।”

उनके अलावा कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी शुक्रवार को इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ”मेजर ध्यानचंद जी का नाम अगर भाजपा और पीएम मोदी अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए न घसीटते तो अच्छा था। राजीव गाँधी जी इस देश के नायक थे, नायक रहेंगे। राजीव गाँधीजी पुरस्कारों से नहीं, अपनी शहादत, अपने विचारों और आधुनिक भारत के निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं।”

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, के सुरेश ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राजीव गाँधी प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 21वीं सदी में देश का नेतृत्व किया। उन्होंने खेल, युवाओं को प्रोत्साहित किया। यह सरकार भगवाकरण करना चाहती है और इसलिए उन्होंने नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड कर दिया।

इसको लेकर कॉन्ग्रेस नेता सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। रामेश्वर आर्या नाम के यूजर ने लिखा, ”मेजर ध्यानचंद हॉकी के जादूगर थे, लेकिन राजीव गाँधी ने इस देश को सिख विरोधी दंगे दिए, भोपाल गैस त्रासदी करने वाले एंडरसन को भगाया, बोफोर्स घोटाला किया और खेल-खेल में पप्पू नमूना दिया, जिससे आज पूरा देश खेल रहा है। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार नाम के लिए धन्यवाद मोदी जी।”

सुमित कुमार नाम के यूजर्स ने लिखा, ”सुन्नी गाँधी सांसद घेरने में लगा है और चमचे ट्रेंड ट्रेंड खेलने में इधर मोदी जी ने कॉन्ग्रेस के अस्तित्व का एक हिस्सा और गायब कर दिया।”

एक अन्य यूजर ​ने लिखा, ”तो इस महान शख्स के अनुसार ध्यानचंद जी आरएसएस के सदस्य थे और वैसे क्या योगदान था राजीव जी का खेलों के लिए? अपने नाम से पुरस्कार कर देना खेलों को बढ़ावा देना होता है क्या? ये कॉन्ग्रेसी पहले भी गुलाम थे आज भी मानसिकता से गाँधी परिवार के गुलाम ही हैं।”

एक और यूजर ने राहुल गाँधी को टैग करते हुए लिखा, ”राजीव गाँधी का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद करना भगवाकरण है? कॉन्ग्रेस सांसद की ऐसी अतार्किक टिप्पणी! कोई आश्चर्य नहीं कि उनके नेता ग्लोबल यूथ लीडर हैं।”

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार (6 अगस्त 2021) को खेल से जुड़ा बड़ा फैसला लिया। उन्होंने ट्वीट किया, ”मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने के लिए देशभर से नागरिकों का अनुरोध मिला है। मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूँ। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा! जय हिंद!”

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