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केरल के सरकारी विभाग से 1000 रुपए की धोती और शर्ट… ओलंपिक मेडल जीतने वाले पीआर श्रीजेश को

ओलंपिक के इतिहास में सबसे ज्यादा मेडल भारत को इसी साल मिला है। खिलाड़ियों की जम कर प्रशंसा भी हो रही है, उन्हें पैसे-पद-सम्मान से नवाजा भी जा रहा है। गोल्ड मेडल लाने वाले नीरज चोपड़ा पर तो पैसों की बरसात सी हो गई है, होनी भी चाहिए!

लेकिन यह खुशी सबको शायद पच नहीं रही है। कैसे, कहाँ हो रही खिलाड़ियों की अनदेखी?

चलिए, केरल चलते हैं। यहाँ के एक खिलाड़ी हैं – पीआर श्रीजेश। बड़ा नाम है, बड़ा कारनामा भी किया है। हॉकी में पिछले 41 साल के सूखे को समाप्त कर मेडल दिलाने में इनकी भूमिका सबसे अहम रही है – यह सर्वविदित है। अब अन्य राज्यों की भाँति केरल सरकार भी इनको सम्मानित करने से पीछे कैसे हटती? लेकिन कितना सम्मान दिया जाए, यह सवाल बड़ा है और केरल सरकार ने जो दिया, उससे राज्य का कद छोटा कर दिया।

केरल सरकार के हथकरघा विभाग ने शनिवार (7 अगस्त 2021) को भारतीय हॉकी के गोलकीपर पीआर श्रीजेश को अजीबोगरीब इनाम देने की घोषणा कर सबको चौंका दिया। मलयालम भाषा वाला वेबसाइट जन्मभूमि की रिपोर्ट के अनुसार, केरल के हथकरघा विभाग ने घोषणा (ध्यान से दोबारा भी पढ़िएगा) की:

पीआर श्रीजेश फील्ड हॉकी के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक और टोक्यो ओलंपिक में भारत की सफलता के पीछे के स्तंभ। ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए प्रशंसा के रूप में लगभग 1000 रुपए की धोती और शर्ट दी जाने की घोषणा।

पीआर श्रीजेश और हॉकी में ओलंपिक मेडल

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में जर्मनी को 5-4 से हराकर टोक्यो ओलंपिक के फील्ड हॉकी में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता। ऐसा करके भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल में अपना पहला ओलंपिक पदक हासिल किया।

इस जीत में टीम के सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी पीआर श्रीजेश ने न केवल जर्मनी के अग्रेसिव गोलों को बचाया बल्कि टीम में युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया। भारतीय हॉकी टीम की जीत के बाद पीआर श्रीजेश के प्रदर्शन और नेतृत्व के लिए उनकी सराहना लगभग सभी ने की।

कई राज्यों ने अपने-अपने राज्यों के हॉकी टीम के सदस्यों को पदक जीतने के लिए पुरस्कार भी घोषित किया। हालाँकि पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अभी तक पीआर श्रीजेश के लिए किसी भी इनाम की घोषणा नहीं की है… इसके बजाय, केरल सरकार के हथकरघा विभाग ने उन्हें धोती और शर्ट देने का फैसला किया है। शायद उनके हिंदू संस्कृति और मंदिरों वाली फोटो केरल सरकार के हाथ लग गई होगी, शायद!

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