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कॉन्ग्रेस नेता ने की हिन्दू धर्म और महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी, निकाला गया रोष मार्च: पंजाब के वित्त मंत्री भी घेरे में

पंजाब के बठिंडा में कॉन्ग्रेस पार्टी के पार्षद सुखराज औलख ने हिन्दू धर्म के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद सही उनका विरोध चालू है। सोमवार (30 अगस्त, 2021) को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ही हिन्दू संगठनों व कार्यकर्ताओं ने हरि कीर्तन करते हुए कॉन्ग्रेस के पार्षद के खिलाफ आक्रोश जताया। ये मार्च फायर ब्रिगेड चौक से अमरीक सिंह रोड के अन्नपूर्णा मंदिर तक पहुँचा।

साथ ही पोस्ट ऑफिस बाजार के प्राचीन हनुमान मंदिर और सनातन धर्म मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों तक भी ये मार्च गया। इसमें गणमान्य हिन्दुओं के अलावा कई महिलाओं-पुरुषों ने शिरकत की। जन्माष्टमी की झाँकी देखने पहुँचे श्रद्धालुओं ने भी कॉन्ग्रेस के पार्षद के बयान की निंदा की। वीनू गोयल ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया। इस रोष मार्च के पीछे का उद्देश्य बताते हुए उन्होंने याद किया कि तरह श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई थी।

कॉन्ग्रेस के पार्षद पर हिन्दू बहू-बेटियों पर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस की सरकार के लोगों का विश्वास अब उठ चुका है। साथ ही इस मामले में तुरंत FIR भी दर्ज करने की माँग की। वहीं ‘श्री हिन्दू तख़्त’ के संदीप पाठक ने आरोप लगाया कि राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल कॉन्ग्रेस पार्षद का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस के बॉयकॉट की भी बात कही।

इससे पहले कॉन्ग्रेस पार्षद व पंजाब के वित्त मंत्री के पुतले भी फूँके चुके हैं। उस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सुखपाल सिंह सरां ने आरोप लगाया था कि कॉन्ग्रेस पार्षद सुखराज औलख ने यज्ञ, व जाप के अलावा ब्राह्मण समाज व महिलाओं पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने याद किया कि कैसे कॉन्ग्रेस आलाकमान के इशारे पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मलविंदर मल्ली ने देश के खिलाफ राग अलापा था।

उन्होंने सुखराज औलख का बॉयकॉट करने की बात करते हुए हर कार्यक्रम से उन्हें बहिष्कार किए जाने की बात कही। वहीं ब्राह्मण समाज के नेता आशुतोष तिवारी व नितिन गौड़ ने कहा कि कॉन्ग्रेस की हिन्दुओं के लिए हमेशा हीन भाव की मानसिकता रही है। मेयर रमन गोयल को माँग पत्र भी सौंप कर सुखराज औलख को निगम हाउस से बरखास्त किए जाने की माँग हुई थी। अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही गई है।

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